प्रांतीय वॉच

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से जिले के 22 हजार 968 हितग्राही हो रहे हैं लाभान्वित

Share this
 
  • जिले में कुपोषण मिटाने के लिए 20 हजार से अधिक मुनगा के पौधे लगाये गये
अक्कू रिजवी/ कांकेर : मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत कांकेर जिले के सभी आठ परियोजनाओं के 451 ग्राम पंचायतों में 5 सितम्बर 2019 से 6 माह से 5 वर्ष के 14 हजार 433 गंभीर एवं मध्यम कुपोषित बच्चों तथा 15 वर्ष से 49 वर्ष आयु वर्ग की 7 ग्राम से कम हिमोग्लोबिन वाले 8 हजार 535 गंभीर एनिमिक महिलाओं को गरम पका भोजन एवं अण्डा और अंडा नहीं खाने वाले बच्चों को केला एवं मूंगफली तथा गुड़ से बनी चिक्की का वितरण भी किया जा रहा है, 87 महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा नियमित रूप से प्रदाय किया जा रहा है।  जिले में 03 से 05 वर्ष के गंभीर एवं मध्यम कुपोषित बच्चों की संख्या 14 हजार 433 में से 16 माह में 05 हजार 673 बच्चे सामान्य श्रेणी में आ गये हैं। रक्त अल्पता से ग्रसित महिलाओं की सेहत में सुधार के लिए जिले में लालिमा अभियान भी चलाया गया, जिसके तहत् 01 लाख 90 हजार से अधिक महिलाओं का एनीमिक परीक्षण कर ईलाज किया जा रहा है। जिसमें (15 से 49 वर्ष) की 08 हजार 149 एनीमिक महिलाओं में से 07 हजार 308 महिलाओं की हीमोग्लोबिन स्तर गंभीर एनीमिया से ऊपर आ गया है। 06 हजार 401 गर्भवती माताओं को अतिरिक्त आहार के रूप में गरम भोजन के साथ अंडा भी दिया जा रहा है, ताकि जच्चा-बच्चा दोनों सुपोषित रहें। जिले में लगभग 20 हजार मुनगा के पौधे सभी गर्भवती एवं पोषक माताओं तथा एनीमिक महिलाओं के घरों के बाड़ी में लगवाया गया है ताकि मुनगा की भाजी एवं फल का उपयोग कर खून की कमी को दूर किया जा सके एवं पर्याप्त मात्रा में आयरन, विटामिन, प्रोटीन प्राप्त हो सके। मुनगा के पत्ती से मुनगा पाउडर तैयार कर सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में गरम भोजन के साथ सब्जी एवं दाल में मिलाकर उनकी पौष्टिकता को बढ़ाने के लिए प्रदाय किया जा रहा है। जिले के 549 आंगनबाड़ी केन्द्रों में किचन गार्डन में पौष्टिक सब्जियां उत्पादन कर कुपोषित बच्चे, एनीमिक महिलाएें तथा गर्भवती माताओं को गरम भोजन के साथ विभिन्न प्रकार के पौष्टिक सब्जियां एवं भाजियां नियमित रूप से खिलाया जा रहा है। उद्यानिकी विभाग के माध्यम से 02 हजार 645 पोषण वाटिका विकसित कर इन हितग्राहियों को सब्जी एवं फल उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले के 420 आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को हाथ धोने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए हैण्डवॉस यूनिट स्थापित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी कुपोषित बच्चों, एनीमिक महिलाओं और गर्भवती माताओं का नियमित स्वास्थ्य जांच, उपचार एवं टीकाकरण के साथ ही पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य जांच एवं उपचार भी किया जा रहा है। राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत् जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्रत्येक महीने के प्रथम एवं तीसरे गुरूवार को सुपोषण चौपाल का आयोजन कर अन्नप्रासन, गोद भराई एवं स्वास्थ्य तथा पोषण दिवस का आयोजन भी किया रहा है, जिसमें समुदाय के सदस्यों की उपस्थिति में जागरूकता पैदा करने परिवार के महिला, पुरूष सदस्यों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही है। सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में राष्ट्रीय पोषण माह के तहत् रंगोली के माध्यम से फल, सब्जियां एवं पौष्टिक खाद्य पदार्थ के रूप में तिरंगा भोजन का प्रयोग करने के लिए जनसमुदाय को प्रेरित किया जा रहा है। प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्रों मेंं प्रतिमाह ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस (व्हीएचएसएनडी) हर माह आयोजित कर स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधि एवं जन समुदाय की उपस्थिति में आयोजित कर स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, सूखा राशन का वितरण तथा नियमित रूप से बच्चों का वजन लिया जा रहा है। जिले का कुपोषण दर फरवरी 2019 के वजन त्यौहार में 27.1 प्रतिशत था वह घटकर अगस्त 2020 के एम. पी. आर. जानकारी के अनुसार 15.1 प्रतिशत हो गया है। इस प्रकार दो वर्ष में 12 प्रतिशत कुपोषण में कमी आई है।

आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 6390 गर्भवती माताएं और 8149 एनिमिक महिलाओं को दिया जा रहा है गरम भोजन
कोविड-19 के बचाव एवं नियंत्रण के लिए जिले में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों को माह मार्च से बंद कर दिया गया था। कोरोना काल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा घर-घर जाकर सूखा राशन का वितरण किया गया। राज्य शासन द्वारा कुपोषण की रोकथाम के लिए उठाये गये कारगर कदम से बच्चां के पोषण स्तर को बनाये रखने तथा स्वास्थ्य सुविधा मे मदद मिली है। आंगनबाड़ी केन्द्रों को 07 सितम्बर 2020 से पुनः प्रारंभ कर दिया गया है। जिले में 2108 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है, जिसमे राष्ट्रीय पोषण माह तथा मुख्यमंत्री सुपोषण कार्यक्रम के तहत् 03 से 06 वर्ष के 24155 बच्चे, 6390 गर्भवती माताएं और 8149 एनिमिक महिलाओं को गरम भोजन दिया जा रहा है। कंटेनमेंट जोन में आने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों को बंद रखने का निर्णय भी लिया गया था। आंगनबाड़ी केन्द्रों को संचालन करने के पूर्व सेनेटाईजेशन कर ब्लीचिंग पाउडर से सफाई किया गया है। आंगनबाड़ी केन्द्र में हितग्राहियों को प्रवेश करने के पूर्व साबुन से हाथ धुलाई तथा सेनेटाईज कराया जा रहा है, भोजन बनाने के पूर्व बर्तनों को गरम पानी से सफाई करवाया जा रहा है। भोजन परोसते समय थाली में आवश्यकतानुसार पत्तल एवं केला पत्ता रखा जा रहा है, गर्भवती एवं एनिमिक महिलओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों में अलग-अलग समय पर बुलाया जा रहा है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी हो सके। महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी एवं सेक्टर पर्यवेक्षकों के द्वारा अांगनबाड़ी केन्द्रों का नियमित भ्रमण कर राष्ट्रीय पोषण माह एवं मुख्यमंत्री सुपोषण कार्यक्रम की सतत मानिटरिंग की जा रही है।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *