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कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी यूज के लिए अगले दो हफ्ते में अप्लाई करेंगे: सीरम इंस्टीट्यूट

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नई दिल्ली: भारत में कोरोना वैक्सीन का इंतजार अब खत्म होने वाला है. वैक्सीन बनाने वाली प्रमुख कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लाइसेंस के लिए अगले दो हफ्ते में आवेदन करने की तैयारी में है. सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बारे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमने योजना पर चर्चा की, योजना के कार्यान्वयन के बारे में जो आपातकालीन उपयोग लाइसेंस हासिल करने के बाद ही लागू होगी, जो हमारे द्वारा दिए जाने वाले आंकड़ों के आधार पर जारी किया जाएगा. हम भारत के दवा महानियंत्रक के समक्ष आधिकारिक रूप से आवेदन करने की प्रक्रिया में हैं.” यह पूछने पर कि क्या कंपनी ने आपातकालीन लाइसेंस के लिए आवेदन किया है, पूनावाला ने कहा, “हम आपातकालीन उपयोग के लाइसेंस के लिए अगले दो सप्ताह में आवेदन करने की प्रक्रिया में है.”

“वैक्सीन के बाद अस्पताल जाने की जरूरत नहीं होगी”
अदार पूनावाला ने कहा, “जो व्यक्ति वैक्सीन लेगा वह संक्रमण नहीं फैलाएगा. वैक्सीन लेने के बाद अस्पताल जाने की जरुरत नहीं रह जाएगी. कोवीशील्ड से मोर्टेलिटी घटाने में भी फायदा होगा. इससे हॉस्पिटलाइजेशन 0% होने की उम्मीद है. वायरस का असर 60% तक कम हो जाएगा. कोवीशील्ड की ग्लोबल ट्रायल में हॉस्पिटलाइजेशन 0% रहा. वैक्सीन शुरुआत में भारत में वितरित की जाएगी उसके बाद हम अन्य COVAX देशों की तरफ ध्यान देंगे खासकर अफ्रीकी देशों पर. हमारी प्राथमिकता भारत और COVAX देश हैं.” पूनावाला ने कहा कि अभी तय नहीं कि सरकार कितने डोज खरीदेगी, लेकिन लगता है कि हेल्थ मिनिस्ट्री जुलाई तक 300 से 400 मिलियन डोज पर विचार कर रही है.

प्रधानमंत्री ने किया 3 शहरों का दौरा
पूनावाला ने कहा कि कंपनी लिए यह एक खास दिन था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कंपनी के पुणे स्थित संयंत्र का दौरा किया. मोदी ने कोरोना वायरस के टीके के विकास कार्य की समीक्षा के लिए शनिवार को अहमदाबाद, हैदराबाद और पुणे का दौरा किया था. उन्होंने अहमदाबाद में जायडस बायोटेक पार्क, हैदराबाद में भारत बायोटेक और पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का दौरा किया. एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “वैज्ञानिकों ने खुशी जताई कि प्रधानमंत्री ने उनके साथ मुलाकात कर उनके साहस को बढ़ाया और टीका विकास के इस महत्वपूर्ण चरण में उनके प्रयासों में तेजी लाने के लिए उत्साहवर्धन किया.”

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