कमलेश लौव्हातरे
बिलासपुर मस्तूरी/ छत्तीसगढ़ी प्रवासी मजदूर सोल्डे परिवार को 5-6 वर्षों से आंबेडकर नगर (उत्तरप्रदेश) के ईँट भट्टा में बंधुआ मजदूरी कराते एवं परिवार की महिला मजदूर XYZ के साथ
भट्ठा मालिक द्वारा बलात्कार की कोशिश करने एवं इसका हल्ला विरोध करने से पति के आने व प्रतिरोध करने पर पति की नृशंस हत्या
कर भट्ठा मालिक व उ.प्र. पुलिस की मिलीभगत से महिला को ही कत्ल के इल्जाम में जेल में डालने एवं चार छोटे बच्चों को निराश्रित बाल गृह जेल में डालने की दर्दनाक घटना हुई है।
इस प्रकरण में निरपराध महिला को रिहा करने, असली हत्यारे भट्ठा मालिक को पकड़ने व पीड़ित परिवार को पचास लाख रूपये की सहायता राहत क्षतिपूर्ति राशि देने की मांग पर
लोक सिरजनहार यूनियन [LSU] के तत्वावधान में..
दिनांक -13 फरवरी 23, दिन- सोमवार को 1 से 5 बजे तक, मस्तूरी, जिला- बिलासपुर (छ.ग.) में…
सभा-प्रदर्शन
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जोंधरा मोड़ मस्तूरी में सभा पश्चात जुलुस बनाकर तहसीली मस्तूरी में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ व उत्तरप्रदेश के नाम पर एसडीएम मस्तुरी को ज्ञापन सौंपा जायेगा।
प्रदर्शन नेतृत्वकर्ता – लखन सुबोध [अध्यक्ष- LSU एवं गुरुघासीदास सेवादार संघ (GSS) ] ,
सह नेतृत्वकर्ता व वक्तागण (ऑफलाइन / ऑनलाइन) –
● सरदार जसबीर सिंह चावला (वरिष्ठ नेता- आम आदमी पार्टी, AAP बिल्हा-बिलासपुर), ● एडवोकेट प्रियंका शुक्ला* (जुझारु सोशल एक्टीवीस्ट GSS/LSU विधिक सलाहकार एवं AAP नेता बिलासपुर), ● का. विजय विद्रोही* (उत्तर प्रदेश स्टेट काउंसलर- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी CPIML लिबरेशन, लखनऊ), ● चंदनकुमार (वर्किंग पीपुल्स कोइलेसन WPC मुंबई), ● दिनेश परमार (सचिव – ईट भट्ठा मजदूर यूनियन अहमदाबाद, गुजरात), ● का. सौरा यादव (छ.ग. स्टेट सेक्रेटरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी लेनिनवादी CPIML रेड स्टार, रायपुर), ● का. लल्लनराम* (भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी-लेनिनवादी CPIML लिबरेशन लालखदान-बिलासपुर), ● *सुश्री प्रियंका सिंह* (मानवाधिकार सोशल एक्टीविस्ट कनेरी- बिल्हा), ● संतोष बंजारे (AAP नेता बिलासपुर), ● जनाब आशिफ अली (सोशल एक्टीवीस्ट, बिलासपुर)
कार्यक्रम संचालन :- अजय अनंत (LSU सचिव), वीरेन्द्र भारद्वाज (LSU महासचिव)
साथियों,
छत्तीसगढ़ी एवं अन्य राज्यों के प्रवासी मजदूरों की आये दिन समस्या- प्रताड़ना से हम सभी वाकिफ है। श्रम कानून नियम विशेषकर अर्न्तराज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम 1979 का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन कर प्रवासी मजदूर नियोजित किया जाता है। जिसके कारण बहुत सारे अत्याचार प्रताड़ना मजदूर परिवारों को झेलना पड़ता है। वे प्रवास स्थल में डरे सहमें कानून नियम के संरक्षण के बिना पशुवत जिंदगी बिताते हैं।
ऐसी ही स्थिति में एक मजदूर परिवार मस्तूरी ब्लाक जिला बिलासपुर के एक गांव XYZ से अम्बेडकर नगर / टांडा (उत्तरप्रदेश) में भट्ठा मालिक की मनमर्जी पर 5-6 वर्षों से बंधुआ मजदूरी की स्थिति में ट्रेक्टर ड्राइवरी एवं उनकी पत्नी भट्ठे पर ईट पथाई का काम करती थी। भट्ठा मालिक इन्हें कर्जा लाद बताकर और पूरा कर्जे मुक्त होने पर मजदूरी देने का झूठा आश्वासन दिलाता था।
दो-एक साल में जब कभी एकाध बार अपने घर छत्तीसगढ़ आता तो यह सोचकर फिर चला जाता था कि एक न एक दिन उनके मेहनत का पूरा पैसा मिल जायेगा,तब अपने गृह ग्राम आ जायेगा।
लेकिन भट्ठा मालिक अपने को कानून से ऊपर समझकर और कानून को अपनी मुठ्ठी में रखकर परिवार का शोषण करता रहा।
जुल्म की इंतहां तब हुई जब दिनांक – 10-8-2022 को भट्ठा मालिक फैजल द्वारा मजदूर की झोपड़ी में घुसकर महिला मजदूर XYZ से बलात्कार करने की कोशिश करने लगा। उस पर महिला द्वारा हल्ला मचाने पर उनका पति जो पास भट्ठे पर काम कर रहा था आया और अन्याय का प्रतिरोध किया । तब भट्ठा मालिक ने मजदूर को मारकर हत्या कर दिया और स्वयं पुलिस को फोन कर बुलाया और पुलिस को कहा कि मजदूर की पत्नी ने ही हत्या की है।
महिला मजदूर पुलिस के सामने रोते गिड़गिड़ाते कह रही थी कि मेरे साथ भट्ठा मालिक द्वारा बलात्कार की कोशिश हुई है और मेरे पति की हत्या भट्ठा मालिक ने ही किया है।
लेकिन पुलिस उस गरीब की न सुनकर भट्ठा मालिक के “आदेश” पर महिला को ही दफा – 302 में गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया गया और उनके चार छोटे बच्चे (1 साल से 7-8 वर्ष उम्र तक के) में से तीन को निराश्रित बाल गृह लखनऊ एवं एक दूधमुंहे बच्चे को मां के साथ जेल भेज दिया गया।
इधर छत्तीसगढ़ में मकतूल के परिवार को बहुत महिनों (करीब 3 महीने बाद) बाद घटनाक्रम की जानकारी हुआ। जिस पर उनके द्वारा उच्च पुलिस अधिकारियों को न्याय के लिये आवेदन पत्र दिया, लेकिन प्रशासन से कोई न्याय नहीं मिला । LSU को इसकी जानकारी होने पर सारे तथ्यों का पड़ताल किया और पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने आंदोलन संगठित किया है।
आइये हम सब न्याय के लिये इस संघर्ष को समर्थन दें- लड़ेंगे – जीतेंगे
विनीतगण – ◆ कार्तिकराम सोल्डे, ◆ रामचंद्र सोल्डे, ◆ दुर्गा मरावी, ◆ सियाराम यादव, ◆ संतोष सोल्डे, ◆ राजेश लहरे, ◆ सिद्धनाथ सोल्डे, ◆ संतोष केवट, ◆ संतोष मरावी, ◆ हरि केवट, ◆ ललित सोल्डे, ◆ राजकुमार सोल्डे, ◆ संजू सोल्डे, ◆ सूरज सोल्डे, ◆ राजेश सोल्डे, ◆राकेश सोल्डे, ◆मूलचंद टण्डन, ◆ परस केंवट, ◆ फागुराम सोल्डे, ◆ बलराम पोर्ते, ◆ अश्वनी टंडन (पीड़ित परिजन पक्षघर) एवं LSU ब्लाक कमेटी मस्तूरी एवं न्याय के पक्षधर समस्त जन-गण।