रायपुर वॉच

मुख्यमंत्री बघेल ने शासकीय आदिवासी कन्या आश्रम का किया औचक निरीक्षण, छात्रावास की सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा

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रायपुर : RAIPUR NEWS : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने आश्रम में रहकर पढ़ाई कर रही छोटी-छोटी बच्चियों से बात की। उन्होंने बच्चियों के से पढ़ाई के बारे में पूछा और आश्रम में रहने के लिए सुविधाओं, भोजन, सुरक्षा, खेल-मनोरंजन के इंतज़ामों की जानकारी ली। इस दौरान बच्चियों की हाज़िर जवाबी से मुख्यमंत्री खासे प्रभावित हुए। पहली से पाँचवीं क्लास में पढ़ रही बच्चियों का आत्मविश्वास और पढ़ लिखकर आगे बढ़ने की ललक की मुख्यमंत्री ने सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दूर दराज के इलाक़ों से आकर इस आश्रम में पहली से पाँचवी क्लास में पढ़ने वाली 36 बच्चियाँ अपना घर परिवार – अपने माता पिता को छोड़कर यहाँ रह रही है। पढ़ने के इस जुनून की मुख्यमंत्री ने भी तारीफ़ की और कहा कि अब छतीसगढ़ को देश का सबसे विकसित राज्य बनने से कोई रोक नहीं सकता। बच्चों ने बताया की आश्रम में सब सुविधाएँ है। सोने के लिए बढ़िया बिस्तर पलंग है। पूरे समय पानी आता है। खाना भी अच्छा मिलता है। अंडा भी खाने को दिया जाता है। बालिकाओं ने बताया की अधीक्षिका और सुरक्षा के लिए गार्ड दीदी भी साथ ही रहती है। दीक्षा ने बताया कि कपड़े धोने के लिए आश्रम में वाशिंग मशीन भी है।

इस दौरान बच्चियों की हाज़िर जवाबी से मुख्यमंत्री हुए प्रभावित 

कक्षा पांचवी की छात्रा सुनिधि ने बताया कि वह खपरी के प्राथमिक शाला में पढ़ाई करती है। स्कूल और आश्रम दोनों में ही बेहतर व्यवस्थाए मिल रही है। सुनिधि ने कहा कि स्कूल के सभी टीचर अच्छे हैं सभी विषयों को अच्छे से समझाते हैं वही आश्रम में भी खाने पीने और रहने की अच्छी सुविधाएं मिल रही है। इसी प्रकार आश्रम में रहने वाली कक्षा चौथी की छात्रा संध्या ने बताया कि हमारे आश्रम में खेलकूद लाइब्रेरी आदि की सुविधाएं भी उपलब्ध है। आश्रम की अधीक्षिका और कर्मचारी भी हमारा बेहतर ख्याल रखते हैं। तखतपुर के शासकीय आदिवासी कन्या आश्रम में मुख्यमंत्री ने छोटी बालिकाओं के साथ केरम, लुडो- साँप सीढ़ी खेल खेले और उन्हें जीत के टिप्स भी दिए।मुख्यमंत्री ने बच्चों की पढ़ाई के लिए सभी सम्भव सहायता और शासकीय योजनाओं के सटीक क्रियान्वयन के निर्देश भी अधिकारियों को दिए

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आश्रम में उपलब्ध सुविधाओं पर संतुष्टि जताई। उन्होंने बच्चियों को गिफ़्ट भी दिए और खूब मन लगाकर पढ़ने, आगे बढ़ने, छतीसगढ़ और देश का नाम रोशन करने की समझाईश दी।

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