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4 साल से नियमितिकरण का वादा भूली सरकार, संविदा कर्मी आंदोलन की राह में

सुकमा। जिले में शासकीय विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारी 16 जनवरी को कांग्रेस के 2018 में चुनावी जन घोषणापत्र में किए गए वादे नियमितिकरण की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले सामूहिक हड़ताल की शुरुआत कर दी है। 5 दिवसीय हड़ताल के प्रथम दिवस कर्मचारी कोल्हू का बैल बनकर या चित्र के माध्यम से प्रदर्शन किया।
महासंघ के जिला समन्वयक नवीन पाठकने बताता कि वर्तमान कांग्रेस सरकार बनने के चार साल बाद भी 2018 के चुनावी जन घोषणापत्र में किए नियमितिकरण के वादे और हमारी मांगे पूरी नही की है, जबकि मात्र 1 वर्ष का कम समय सरकार के पास शेष है।
महासंघ के जिला कार्यकारी अध्यक्ष विजय बहादुर जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी स्वयं 14 फरवरी 2019 को अनियमित कर्मचारियों के मंच में आकर बोले थे इस साल किसान का किए है अगले साल अनियमित कर्मचारियों की मांग पूरा करेंगे लेकिन वो साल अभी तक नही आया है और तो और संविदा कर्मचारियों के मानदेय में भी 4 साल से वृद्धि नही हुवा है इस कारण प्रदेश के संविदा कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
महासचिव खेमन विश्वकर्मा ने कहा कि दीगर राज्यों में संविदा कर्मचारियों के भविष्य को लेकर ऐतिहासिक निर्णय लिए जा रहे हैं। 26 जनवरी को संविदा कर्मचारियों के बारे में यदि सरकार उचित निर्णय नही लेती है तो 30 जनवरी से 54 विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन में जायेंगे। महासंघ के प्रवक्ता ने बताया कि नियमितिकरण की मांग को लेकर 28 जिले के 40 हजार से अधिक संविदा कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए है।


कोल्हू का बैल की रंगोली बनाकर किया प्रदर्शन
संविदा कर्मचारियों की वर्तमान परिस्थितियों को दर्शाने के लिए कोल्हू का बैल बनकर प्रदर्शन किया। इनका ओंकार साहू का कहना है कि न तो 62 वर्ष की नौकरी की सुरक्षा, न ही सही ढंग से वेतन, न ही अनुकम्पा नियुक्त, और न ही अन्य शासकीय सेवकों की भांति अन्य कर्मचारी सुविधाऐं प्राप्त हो रही है।

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