- पारंपरिक ऑफ ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने छत्तीसगढ़ सरकार की अभिनव पहल
- 6 अक्टूबर से 6 जनवरी 2023 तक राज्य में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन
- ओलंपिक में दलीय एवं एकल श्रेणी में 14 तरह के पारम्पिक खेल शामिल
- गिल्ली डंडा, पिट्टूल, लंगड़ी दौड़, बांटी (कंचा), बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा की प्रतियोगिता
- छह स्तरों में होंगे आयोजन, महिला व पुरुष के होंगे अलग वर्ग
- छह स्तरों में होंगे आयोजन, महिला व पुरुष के होंगे अलग वर्गबच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बनेंगे छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के प्रतिभागी
उमेश पटेल, खेल व युवा कल्याण मंत्री
मुख्यमंत्री जी की सोच है कि छत्तीसगढ़ संस्कृति को आगे बढ़ाना है
ऐसा प्रयास अभी तक किसी ने नहीं किया, पहली बार ये प्रयास मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल कर रहे हैं
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक से गांव-गांव के लोग उत्साहित हैं , आज मुख्यमंत्री के प्रयासों से प्रत्येक छत्तीसगढ़िया खुद को गौरवांवित महसूस करता है l
भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री
आज छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत हो रही है
अब धान खरीदी की भी शुरूआत करना है
17 अक्टूबर को न्याय योजनाओं की राशि का वितरण होगा
पहली बार छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन हो रहा है जिसमें 14 तरह के पारंपरिक खेल हैं
छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ाने खेलकूद को बढ़ावा दिया जा रहा है
हर गांव हर ब्लाक हर जिले में स्थानीय खेलों का आयोजन होगा
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के ब्रोशर का विमोचन किया
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की संपूर्ण जानकारियों के लिए तैयार किया गया है ब्रोशर
रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक का गुरुवार दोपहर 12 बजे बूढ़ापारा स्थित बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में शुभारंभ किया। इसमें 14 प्रकार के पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है। यह प्रतियोगिता गांव से लेकर राज्य स्तर तक छह स्तरों पर होगी। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को भी तवज्जो देने और लोगों में खेल के प्रति जागरूकता लाने के लिए किए गए इस आयोजन से ग्रामीण अंचलों का खेल अब गांवों से निकलकर शहरों तक पहुंचेगा। इसकी शुरुआत राजीव युवा मितान क्लब स्तर से होगी। इसके बाद जोन स्तर, फिर विकासखंड, नगरीय क्लस्टर स्तर, जिला, संभाग और अंतिम में राज्य स्तर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी।
इस में युवा से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हो सकते हैं। यह प्रतियोगिता छह जनवरी तक चलेगी। पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग स्पर्धा के साथ ही टीम एवं एकल स्तर पर प्रतियोगिताएं होंगी। छत्तीसगढ़िया आलिंपिक में पारंपरिक खेल प्रतियोगिताएं दो श्रेणी में होंगी। इसमें दलीय श्रेणी गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल विधाएं शामिल की गई हैं। वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़ एवं लंबी कूद शामिल हैं।