रायपुर | 13 अक्टूबर को यूरोलॉजी अवेयरनेस डे मनाया गया, पूरे देश के लोगों को याद दिलाने का अवसर है कि वे मूत्र एवं जननांग स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें, और केवल योग्य और मान्यता प्राप्त यूरोलॉजिस्ट से इलाज कराएं। इस वर्ष का संदेश स्पष्ट और महत्वपूर्ण है कि, केवल नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) से मान्यता प्राप्त MCh या DR. NB डिग्री धारक यूरोलॉजिस्ट से ही परामर्श एव सलाह लें।
दर्द को न सहें, चुप्पी में दर्द छुपा है: मूत्र मार्ग संक्रमण, पथरी, प्रोस्टेट की समस्याएं, बार-बार पेशाब आना, पेशाब में कठिनाई, और यहां तक कि यूरोलॉजिकल कैंसर जैसी बीमारियां लाखों लोगों को प्रभावित करती हैं। फिर भी शर्म, सामाजिक कलंक या गलत जानकारी के कारण कई लोग चुपचाप इस दर्द को सहते रहते हैं।
चुप्पी तोड़ें, जांच कराएं : इट्सा हॉस्पिटल के MCh यूरोलॉजिस्ट डॉ. शिवेंद्र चेतन अग्रवाल बताते हैं, अक्सर देखा गया है कि मरीज इलाज में देर कर देते हैं या फिर ऐसे लोगों के झांसे में आ जाते हैं जो आधे-अधूरे ज्ञान से इलाज करने का दावा करते हैं। इससे स्थिति और बिगड़ सकती है, इलाज में देर हो सकती है और कई बार यह स्थायी नुकसान का कारण भी बन सकता है। उन्होंने बताया कि यूरोलॉजिकल समस्याएं, स्वास्थ्य से जुड़ीं चिकित्सीय स्थितियां हैं, न कि कोई शर्म की बात या कमजोरी। बार-बार पेशाब आना, पेशाब में जलन या खून आना, पेडू में दर्द, या पेशाब रुक-रुक कर आना इन सभी लक्षणों को नजरअंदाज न करें। समय पर जांच कराने से जटिलताओं और गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है और कई बार जीवन भी बचाया जा सकता है।