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मित्तल हॉस्पिटल विवाद: आयुष्मान योजना में अवैध वसूली और धमकी देने के आरोप

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रायपुर। मित्तल हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगे हैं। अस्पताल के एक मरीज के मृतक परिजन ने बताया कि उन्हें और उनके परिवार को अस्पताल प्रबंधन की ओर से लगातार धमकियाँ दी जा रही हैं।

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के संचालक आशीष मित्तल की पत्नी सुमन मित्तल व अन्य प्रबंधन के लोग उन्हें ब्लैकमेल कर रहे हैं और सामाजिक बदनामी की धमकी दे रहे हैं। नूपुर ने चैनल से कहा, “तुम्हारे करियर अभी पड़ा है — जशपुर दूर नहीं है?” और “आपके घर वालों को पता चलेगा तो उनको बुरा लगेगा” जैसे कथित धमकियों का हवाला देते हुए बताया कि उन्हें यह कहकर डराया-धमकाया जा रहा है कि अगर पैसे नहीं दिए तो और लोग पैसे लेने को मौजूद हैं।

परिजन का आरोप है कि मृतक के उपचार के दौरान आयुष्मान योजना के साथ-साथ मरीज़ से तीन लाख रूपये से अधिक नगद भी लिये गये थे — जिसकी उन्होंने शिकायत की थी। इस शिकायत पर CMHO कार्यालय ने टीम बना कर जाँच की और जांच रिपोर्ट में शिकायत को सही पाया गया। रिपोर्ट में हॉस्पिटल को आयुष्मान में तीन माह के लिए ब्लैकलिस्ट करने की अनुशंसा की गई थी।

हालांकि ब्लैकलिस्टिंग की अनुशंसा के बावजूद, नूपुर का कहना है कि धमकियाँ जारी हैं और इसलिए अब वे चाहते हैं कि अस्पताल पर कड़ी कार्रवाई की जाए — यहाँ तक कि हॉस्पिटल को बंद करने की मांग भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग धमकी दे रहे हैं उन पर कठोर कार्रवाई हो।

इस मामले पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा किसी पर भी धमकी देना, ब्लैकमेलिंग और सामाजिक बदनामी की कोशिश गंभीर आपराधिक आरोप बन सकते हैं — और इन मामलों में पुलिस एवं प्रशासनिक जांच आवश्यक है। आयुष्मान कार्ड के दुरुपयोग तथा मरीज से अवैध वसूली की शिकायतें स्वास्थ्य सेवा नियमों व राज्य नीति के तहत जांच की वस्तु हैं।

इस मामले में पुलिस और स्वास्थ्य प्रशासन दोनों से त्वरित कार्रवाई की मांग उठ रही है। पीड़ित परिजनों ने कहा है कि वे न्याय और सुरक्षा चाहते हैं तथा दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी प्रभार लगाया जाए। CMHO की जांच और अनुशंसा के संदर्भ में संबंधित विभाग से भी स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए कि अनुशंसाओं पर क्या कार्रवाई की जा रही है।

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