नई दिल्ली: सोने के आभूषणों के बाद, अब चांदी के गहनों और कलाकृतियों पर भी हॉलमार्किंग की अनिवार्यता शुरू हो गई है। 1 सितंबर 2025 से चांदी के लिए हॉलमार्किंग यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) प्रणाली लागू होने के साथ ही, ग्राहक सोने और चांदी दोनों की शुद्धता को आसानी से सत्यापित कर सकेंगे। यह नया कदम ग्राहकों के लिए पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करता है, जिससे वे कम कैरेट या मिलावटी धातु के जोखिम से बच सकते हैं।
सोने और चांदी की हॉलमार्किंग में मुख्य अंतर:
1. लागू होने का समय और प्रक्रिया:
सोना: सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग चरणबद्ध तरीके से अनिवार्य की गई थी। जून 2021 से इसकी शुरुआत हुई थी और 1 अप्रैल 2023 से 6 अंकों वाला HUID सभी सोने के आभूषणों पर अनिवार्य कर दिया गया।
चांदी: चांदी की हॉलमार्किंग 1 सितंबर 2025 से स्वैच्छिक आधार पर शुरू हुई है, जिसमें HUID प्रणाली को अपनाया गया है।
2. हॉलमार्क के घटक:
सोना: सोने के आभूषणों पर हॉलमार्क के तीन निशान होते हैं: बीआईएस (BIS) का लोगो, शुद्धता का ग्रेड (जैसे 22K916) और 6 अंकों का HUID कोड।
चांदी: चांदी की हॉलमार्किंग में भी तीन घटक हैं: बीआईएस स्टैंडर्ड मार्क (जिस पर ‘SILVER’ लिखा हो), शुद्धता ग्रेड, और 6 अंकों का HUID कोड।
3. शुद्धता के ग्रेड (Fineness Grades):
सोना: सोने की शुद्धता को कैरेट और अंकों दोनों में दर्शाया जाता है। भारत में आमतौर पर हॉलमार्क वाले सोने के ग्रेड हैं – 24K (999), 23K (958), 22K (916), 20K (833), 18K (750), 14K (585) और 9K (375)।
चांदी: चांदी की हॉलमार्किंग में सात शुद्धता ग्रेड हैं – 800, 835, 925, 958, 970, 990 और 999।
4. शुद्धता की जांच:
दोनों ही मामलों में, ग्राहक बीआईएस केयर ऐप का उपयोग करके आभूषण पर अंकित HUID कोड को स्कैन कर सकते हैं। इससे उन्हें आभूषण से जुड़ी सभी जानकारी जैसे – ज्वेलर का विवरण, हॉलमार्किंग सेंटर का नाम, और वस्तु की शुद्धता की पूरी जानकारी मिल जाती है। यह प्रणाली भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा आभूषण उद्योग में विश्वास और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह ग्राहकों को सशक्त बनाती है और उन्हें खरीदी गई वस्तु की गुणवत्ता पर पूर्ण विश्वास दिलाती है।
नई हॉलमार्किंग प्रणाली से आपको क्या-क्या लाभ होंगे:
1. शुद्धता की गारंटी:
हॉलमार्किंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको खरीदी गई चांदी की शुद्धता की 100% गारंटी मिलती है। हॉलमार्क वाले हर आभूषण पर उसकी शुद्धता का ग्रेड (जैसे 925 या 999) लिखा होता है, जिससे आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपको वही गुणवत्ता मिल रही है जिसके लिए आपने भुगतान किया है।
2. धोखाधड़ी से बचाव:
यह प्रणाली धोखेबाजों से आपकी सुरक्षा करती है। बिना हॉलमार्क वाले आभूषणों में अक्सर कम गुणवत्ता वाली धातुएं मिलाई जाती हैं, जिससे ग्राहक को नुकसान होता है। HUID-आधारित हॉलमार्किंग यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी ज्वेलर आपको कम कैरेट की चांदी अधिक कीमत पर न बेच पाए।
3. पारदर्शिता और जवाबदेही:
चांदी के गहनों पर मौजूद HUID कोड आपको पूरी पारदर्शिता देता है। आप बीआईएस केयर ऐप पर इस कोड को स्कैन करके आभूषण से जुड़ी सारी जानकारी तुरंत देख सकते हैं, जैसे – यह कब बना, किस हॉलमार्किंग केंद्र ने इसे प्रमाणित किया और किस ज्वेलर ने इसे बेचा। इससे ज्वेलर की जवाबदेही तय होती है।
4. बेहतर रीसेल वैल्यू:
हॉलमार्क वाले आभूषणों की रीसेल वैल्यू बेहतर होती है। जब आप भविष्य में अपनी चांदी को बेचना या बदलना चाहते हैं, तो हॉलमार्क उस वस्तु की शुद्धता का आधिकारिक प्रमाण होता है, जिससे आपको उचित मूल्य मिलता है। यह आपके निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
5. बाजार में बढ़ता विश्वास:
हॉलमार्किंग प्रणाली पूरे आभूषण बाजार में विश्वास को बढ़ावा देती है। जब हर दुकान पर प्रमाणित और विश्वसनीय चांदी मिलती है, तो ग्राहक निश्चिंत होकर खरीदारी कर सकते हैं। यह चांदी के आभूषण खरीदने के अनुभव को सुरक्षित और सुखद बनाता है।