मोतिहारी (बिहार): बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में बुधवार दोपहर राष्ट्रीय राजमार्ग-27 पर एक बड़ा सड़क हादसा हो गया। कोटवा थाना क्षेत्र के राजापुर मठिया चौक के पास जयपुर से कटिहार जा रही एक यात्री बस अनियंत्रित होकर पलट गई। इस दुर्घटना में 30 से अधिक यात्री घायल हो गए। घायल यात्रियों में पुरुष, महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल हैं। इनमें छह की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिनमें 12 वर्षीय उमर आलम को प्राथमिक उपचार के बाद पटना रेफर करना पड़ा। हादसे के बाद बस में अफरा-तफरी मच गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।
स्थानीय लोगों ने तुरंत राहत और बचाव अभियान शुरू किया। आसपास के ग्रामीणों के साथ डायल-112 की टीम मौके पर पहुंची और कई घायलों को बस के अंदर से सुरक्षित बाहर निकाला। कुछ यात्री बस के अंदर फंस गए थे, जिन्हें क्रेन और जेसीबी की मदद से बड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया। बस को सड़क से हटाने में करीब एक घंटे का समय लग गया।
हादसे की सूचना मिलते ही सदर एसडीएम श्वेता भारती, डीएसपी जितेश पांडे और कोटवा थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। एनएच-27 पर कुछ समय तक वाहनों की आवाजाही रुकी रही, हालांकि प्रशासन की तत्परता से यातायात जल्द बहाल हो गया।
यात्रियों और प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि बस ड्राइवर तेज गति से बस चला रहा था और वाहन में जरूरत से ज्यादा यात्रियों के साथ भारी मात्रा में कॉस्मेटिक सामान भी लदा हुआ था। इसी ओवरलोडिंग और लापरवाही के कारण बस का संतुलन बिगड़ गया और वह पलट गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बस संचालकों पर आरोप लगाया कि उन्होंने यात्रियों की सुरक्षा को नजरअंदाज कर मुनाफे के लिए माल ढुलाई को प्राथमिकता दी।
हादसे में घायल हुए लोगों को मोतिहारी सदर अस्पताल, आसपास के पीएचसी और निजी क्लीनिकों में भर्ती कराया गया है। घायलों में मनोहर पासवान (मुजफ्फरपुर), कलावती देवी (दरभंगा), राजकिशोर (दरभंगा), मुंशीलाल (सीतामढ़ी), उमर आलम (मधुबनी) समेत कई यात्री शामिल हैं।
सदर एसडीएम श्वेता भारती ने कहा कि प्रशासन घायलों के इलाज पर पूरी नजर रखे हुए है और किसी भी घायल को इलाज की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि एनएच पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच भी कराई जाएगी, ताकि हादसे की सच्चाई सामने आ सके।
घटना पर पूर्वी चंपारण के डीएम सौरव जोड़वाल ने कहा—
“हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है। घायलों का बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जा रहा है। ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार की जांच कराई जाएगी, और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।”
स्थानीय लोगों ने इस हादसे के बाद परिवहन विभाग की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए और लापरवाह बस संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यात्रियों की जान की कीमत पर सामान की ढुलाई और ओवरलोडिंग का सिलसिला लगातार जारी है, जिस पर प्रशासन को सख्त रोक लगानी चाहिए।
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर राज्य में सड़क सुरक्षा और परिवहन व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। अक्सर ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार के कारण बस हादसे होते रहते हैं, लेकिन सख्त निगरानी के अभाव में यह प्रवृत्ति जारी रहती है।