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CG में बदला स्कूलों का समय, शनिवार को अब से इतने बजे लगेंगी कक्षाएं…

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रायपुर। आजादी के बाद पहली बार राज्य सरकार ने शनिवार को लगने वाले स्कूल के समय में ना केवल बदलाव कर दिया है,साथ ही इस दिन की पढ़ाई के साथ ही बच्चों की गतिविधियों को लेकर भी जरुरी रद्दोबदल किया गया है। जरुरी बदलाव में सुबह होने वाले योग और व्यायाम अब दोपहर को होगा। दोपहर भोजन के बाद बच्चे योग और व्यायाम करेंगे। पहले की व्यवस्था पर नजर डालें तो शनिवार को स्कूल सुबह 7:30 से 11:30 बजे तक लगाई जाती थी। नए निर्देशों के अनुसार अब सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक संचालित होंगे। शिक्षक नेता भी इस आदेश को अव्यवहारिक मान रहे हैं और पूर्व की तरह ही शनिवार को स्कूल संचालन की मांग कर रहे हैं। आइए जानते हैं शिक्षक नेताओं का क्या विचार है।

योग, प्राणायाम और व्यायाम के लिए सुबह का समय अनुकूल- वीरेंद्र दुबे

छग शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे का कहना है कि शिक्षा का उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास करना होता है न कि केवल किताबी ज्ञान देना। पाठ्य विषयों की शिक्षा के साथ बच्चों को शारीरिक शिक्षा, मानसिक शिक्षा , नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक शिक्षा, कौशल शिक्षा, स्वावलंबन की शिक्षा आदि भी देना आवश्यक होता है तभी हम भावी पीढ़ी सुशिक्षित, सुसंस्कृत, और सशक्त देशभक्त नागरिक बना सकते हैं। व्यायाम से शरीर मजबूत होता है, योग और प्राणायाम से शरीर संतुलित होता है, और निरोग रहता है तथा मानसिक शक्ति का विकास होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग, प्राणायाम और व्यायाम को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल कराया है। इन गतिविधियों के लिए सुबह का समय ही अनुकूल होता है,क्योंकि ये सब खाली पेट किया जाता है।

शारीरिक शिक्षा व योग से शरीर और मन के बीच संतुलन बैठाना जरुरी- चंद्रशेखर तिवारी

छग शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष चन्द्रशेखर तिवारी का कहना है कि शनिवार को सुबह स्कूल लगाने का फैसला हमारे शिक्षाविदों ने यूं ही नही लिया था, इसके पीछे बहुत से कारण हैं। जिनमे से एक बहुत बड़ा कारण है शारीरिक शिक्षा व योग, प्राणायाम से शरीर और मन के बीच संतुलन बैठाना होता है। मन जब स्वस्थ होगा तो तन पर उसका परिणाम परिलक्षित होता है। इसी तरह जब तन स्वस्थ होगा तो मन स्वस्थ होगा। योग, प्राणायाम व व्यायाम के लिए हमारे पूर्वजों ने सदैव सुबह के समय को सर्वानुकूल बताया है, इसलिये हम हमेशा इन गतिविधियों को सुबह अथवा शाम को करते हैं। बच्चों का सर्वागीण विकास ही शिक्षा का मूल उद्देश्य है, ऐसे में केवल पुस्तकीय पढाई पर बल देना और अन्य गतिविधियों को ठप करना कोई समझदारी का काम नहीं है।

स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह निर्णय अव्यवहारिक है- जितेंद्र शर्मा

छग शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा का कहना है कि पीएम मोदी ने योग,प्राणायाम और व्यायाम को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल कराया है। इसके लिए सुबह का समय ही अनुकूल होता है,क्योंकि ये सब खाली पेट किया जाता है। परंतु छग लोक शिक्षण संचालनालय के एक आदेश के साथ संलग्न समय सारणी की वजह से प्राचार्य व संस्थाप्रमुख शनिवार को भी सुबह 10 बजे से 4 बजे तक शाला अवधि करने आमादा है। कई जगहों पर 10 से 4 शाला लगाना प्रारम्भ भी कर दिया गया है, जो कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से और ना ही व्यवहारिक तौर पर उचित है। शनिवार को सुबह स्कूल न लगाना बच्चों के सर्वांगीण विकास में बाधक है। लिहाजा शनिवार को पूर्ववत सुबह स्कूल ही लगना चाहिए ।

शारीरिक शिक्षा, योग व्यायाम प्राणायाम जैसे गतिविधियां ठप पड़ गई- धर्मेश शर्मा

छग शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा का कहना है कि शाला संचालन अवधि हेतु स्कूल शिक्षा विभाग ने 1 सितंबर 2018 को एक स्थायी आदेश निकालकर सोमवार से शुक्रवार एक पाली वाले स्कूल का शाला समय 10 से 04 तथा शनिवार के दिन प्रातः 7:30 से 11:30 बजे तक निर्धारित किया है। स्कूल शिक्षा विभाग के इस शाला संचालन समयावधि आदेश को DPI द्वारा 22 जुलाई 2025 के एक आदेश में समय सारणी भेजकर अधिक्रमित करने का प्रयास किया है। जिससे पूरे प्रदेश में एकरूपता का अभाव आ गया है। शारीरिक शिक्षा, योग व्यायाम प्राणायाम जैसे गतिविधियां ठप पड़ गई है। शासन जल्द निर्णय लेकर स्पष्ट आदेश जारी करे जिससे शनिवार को सुबह होने वाली स्कूली गतिविधियां संचालित हो सके।

सुबह का समय व्यायाम, योगाभ्यास, खेलकूद के लिए प्रासंगिक- संजय शर्मा

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि शनिवार को एक पाली शाला का संचालन पूर्व की भांति सुबह 7:30 से 11:30 तक किया जाना चाहिए। एक परिसर की शाला के लिए अत्यंत अव्यवहारिक व आपत्तिजनक टाइमटेबल है। शनिवार को स्कूल में योगाभ्यास का यह समय कैसे तय हुआ? एक दिन प्रातःकालीन स्कूल समय सार्थक व रुचिकर होता है, नए निर्देश व टाइमटेबल से भ्रम की स्थिति निर्मित हुई है। सुबह के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना “करे योग – रहे निरोग” की सुचारू एवं लाभदायक संचालन होता है। 10 बजे से शाला संचालित करने पर बच्चे योगाभ्यास से दूर हो जाएंगे, प्रातःकालीन समय व्यायाम, योगाभ्यास, खेलकूद के लिए प्रासंगिक ही नहीं होता है वरन स्वस्थ्य जीवन के लिए अति श्रेयस्कर होता है।

शनिवार को इस तरह संचालित होंगी स्कूलें

10:00-10:15: प्रार्थना, राष्ट्रगान, एवं माहवार थीम पर विचार।

10:15-11:05 (पहला कालखंड): मातृभाषा, पुस्तकालय, आकलन आधारित उपचारात्मक शिक्षा।

11:05-11:55 (दूसरा कालखंड): गणित व उपचारात्मक शिक्षा।

11:55-12:05: लघु अवकाश।

12:05-12:55 (तीसरा कालखंड): अंग्रेजी व उपचारात्मक शिक्षा।

12:55-1:45 (चौथा कालखंड): पर्यावरण व उपचारात्मक शिक्षा।

1:45-2:35: भोजन अवकाश।

2:35-3:15 (पांचवां कालखंड): वर्कबुक, रीडिंग-राइटिंग, विषयवार उपचारात्मक शिक्षा।

3:15-4:00 (अंतिम कालखंड): शारीरिक शिक्षा, योग, खेल, कला व बागवानी। पहले जो गतिविधियां सुबह कराई जाती थीं (जैसे व्यायाम, खेलकूद आदि), अब वे अंतिम कालखंड में कराई जाएंगी।

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