बिलासपुर वॉच

खेत सूखने की कगार पर, ग्रामीणों को बिजली संकट ने भी किया परेशान

Share this

खेत सूखने की कगार पर, ग्रामीणों को बिजली संकट ने भी किया परेशान

बिलासपुर। खुंटाघाट बाँध से सिंचाई के लिए पानी छोड़े हुए लगभग 15 दिन बीत चुके हैं, लेकिन नहरों के अंतिम छोर तक बसे गाँव अब भी पानी से वंचित हैं। चिल्हाटी, चिस्दा, लोहर्सी, जोंधरा, सोनसरी, सोन, परसोडी, केवटाडीह (भुतहा), कुकुर्दीकला और अमलडीहा जैसे गाँवों के किसान धान की फसल बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि खेत सूखने की कगार पर पहुँच चुके हैं और यदि जल्द सिंचाई नहीं हुई तो भारी नुकसान झेलना पड़ेगा।

इधर, बिजली समस्या ने भी ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पचपेडी, चिल्हाटी और केवटाडीह (भुतहा) पंचायतों में पिछले 6-7 महीनों से लो वोल्टेज और आघोषित कटौती की समस्या बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि दिन में 10 से 15 बार बिजली गुल हो जाती है। कम वोल्टेज के कारण पंखे, कूलर और पंप मोटर जैसे घरेलू उपकरण काम नहीं कर पा रहे। वहीं, बिना सूचना के बार-बार कटौती से शासकीय कार्य और विद्यार्थियों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि मौखिक और लिखित शिकायतें कई बार विद्युत विभाग में दर्ज कराई गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।

इस संबंध में जिला पंचायत प्रतिनिधि वार्ड क्रमांक 14 मस्तूरी रामखेलावन पटेल ने कहा कि “15 दिन पहले बाँध से पानी छोड़ा गया था, लेकिन खेतों तक अब तक नहीं पहुँचा। लगातार पानी की कमी से फसल सूखने की स्थिति में है। इसके अलावा पिछले 6 माह से क्षेत्र के लोग बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे हैं। इस पर त्वरित सुधार की जरूरत है।”
ग्रामीणों ने प्रशासन और सिंचाई विभाग से नहरों की सफाई व पानी पहुँचाने की व्यवस्था करने तथा बिजली आपूर्ति को सुचारु बनाए जाने की मांग की है।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *