पिछली सरकार में कई सौ करोड़ का शराब घोटाला उजागर हुआ। इस घोटाले की कार्रवाई अभी तक चल रही है। ईडी को बड़ी मुश्किल से कई महीने बाद नकली होलोग्राम मिल पाया था। इस सरकार में कोई घोटाला सामने आए बिना दुर्ग में 5 जगह और रायपुर में दो जगह नकली होलोग्राम मिल चुका है।
कई जगहों पर शराब में मिलावट की खबरें आ रही है। शराब माफिया बेखौफ तरीके से सक्रिय हैं। नशे के कारोबार में कई नामी गिरामी परिवार के लोगों के शामिल होने की भी चर्चा है। आबकारी अफसर विभाग की बड़ी खबरें बाहर निकालने सक्रिय हो रहे हैं।
—
नए मुख्य सचिव दौड़ाएंगे..
छत्तीसगढ़ के अगले मुख्य सचिव की नियुक्ति सोमवार को हो जाएगी । नए मुख्य सचिव की जिम्मेदारी प्रशासन में कसावट और भ्रष्टाचार रोकने की होगी। मुख्य सचिव की नियुक्ति में दिल्ली की चलेगी या छत्तीसगढिय़ों की । इसके कयास लगाए जा रहे हैं। मुख्य सचिव की नियुक्ति के साथ ही कुछ और चौकन्ने वाले फेरबदल हो सकते हैं। प्रशासनिक नियुक्ति में किस नेता और अफसर की कितनी चलती है, यह अगले सप्ताह चर्चा का विषय बना रहेगा।
—
विधायक की पत्नी भी भ्रष्टाचार में शामिल..
रायपुर जिले के एक विधायक की पत्नी के भ्रष्टाचार के किस्से उनके विधानसभा क्षेत्र के अलावा कार्यकर्ताओं के बीच चटकारे लेकर सुनाए जा रहे हैं। सत्तारुढ़ दल के इस विधायक का पूरा परिवार इस समय निर्माण और जमीन के धंधे में जोरदार तरीके से शामिल है। कार्यकर्ताओं की सिफारिश को अनदेखा कर अपने अंदाज में काम कर रहे हैं। विधायक की पत्नी ने एक काम के लिए एक सक्रिय कार्यकर्ता से कमीशन मांग लिया। अब नाराज कार्यकर्ता जगह-जगह किस्से सुनाकर विधायक के परिवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
कलेक्टर ने मंत्री के करीबी का कब्जा हटवाया
सरकार के एक ताकतवर मंत्री के करीबी नेता को उस वक्त झटका लगा जब कलेक्टर ने उन्ही का अवैध कब्जा हटवा दिया। आदिवासी जिले की इस महिला कलेक्टर की छबि काफी अच्छी है। इस वजह से मंत्री जी भी चाहकर अतिक्रमण हटाओ अभियान में रोक-टोक नहीं कर पाए।
महिला कलेक्टर ने न सिर्फ नेता जी बल्कि एक अफसर के अतिक्रमण को भी प्राथमिकता से हटवाया है। अफसर भी मंत्री जी के करीबी माने जाते हैं और उन्होंने भी अवैध कब्जा कर रखा था। जिस तरह आदिवासी इलाके में कलेक्टर ने बिना पक्षपात के अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया, उसकी काफी तारीफ भी हो रही है।
———
जिले के मुखिया को लेकर भाजपा उलझन में
मैनपाट में भाजपा का चिंतन शिविर 7 से 10 जुलाई तक चलेगा। पिछले दिनों भाजपा संगठन के दो प्रमुख नेता अजय जामवाल और पवन साय ने अम्बिकापुर जाकर वहां तैयारियों को लेकर निर्देश दिए। दोनों पदाधिकारियों के साथ जिले के तीनों विधायक भी थे लेकिन जिलाध्यक्ष गायब रहे।
जिलाध्यक्ष के खिलाफ कोर्ट ने जमीन मामले पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए हैं। ऐसे समय में जिलाध्यक्ष किसी तरह खुद को बचाने की जुगत में हैं। जिलाध्यक्ष कुछ महिने पहले ही नियुक्त हुए हैं उन्हें अभी से हटाने की मांग शुरू हो गई है। मैनपाट चिंतन शिविर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा केंन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत कई वरिष्ठ नेता पहुंच रहे हैं। चर्चा है कि पार्टी खुद ही जिलाध्यक्ष को सारी तैयारियों से दूर रखने के लिए निर्देश दे सकती है। पार्टी नेताओं को आशंका है कि शिविर के बीच में जिलाध्यक्ष का प्रकरण चुनावी मुद्दा न बन जाए।
———-
नई कार्यकारिणी की रूप रेखा तैयार
प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी तैयार हो रही है। खबर है कि उपाध्यक्ष और मंत्री के पद बढ़ाए जा रहे हैं। वर्तमान में छह उपाध्यक्ष हैं। जिन्हें बढ़ाकर 8 किया जाएगा। इसी तरह मंत्रियों की संख्या भी 8 होगी। यही नहीं, कोषाध्यक्ष के साथ-साथ सहकोषाध्यक्ष की भी नियुक्ति की जाएगी।
देश के गोवा सहित कई अन्य राज्यों में पार्टी संगठन पदाधिकारियों की संख्या छत्तीसगढ़ से कहीं ज्यादा है। इस वजह से पदाधिकारियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। महामंत्री पद के लिए नए चेहरों की तलाश की जा रही है। एक नाम पूर्व विधायक रजनीश सिंह का है जिन्हें महामंत्री का दायित्व सौंपा जा सकता है। इसी तरह बस्तर को विशेष रूप से प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है। सुकमा से लेकर बीजापुर और कई जिलों में संगठन की स्थिति काफी अच्छी नहीं है।
———–
चुनाव के लिए अभी से जद्दोजहद
भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अभी से ब्यूह रचना बनानी शुरू कर दी है। वर्तमान में कांग्रेस के 35 और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के एक विधायक को मिलाकर कुल 36 सीटों पर विपक्ष का कब्जा है। इन सीटों पर भाजपा की पैनी नजर है।
बालोद, जांजगीर-चांपा जैसे जिलों में भाजपा का खाता भी नहीं खुल पाया है। यहां नया नेतृत्व खड़ा करने की कोशिश हो रही है। अच्छी छबि वाले नेताओं को पद देने की तैयारी चल रही है। विधानसभा चुनाव लड़ने लायक नेताओं को आगे करने की योजना है। बालोद जैसे जिलों में पिछले दो चुनाव में तीनों सीट कांग्रेस के खाते में चली गई। यहां संगठन में काफी गुटबाजी है इसे ठीक करने की कोशिश हो रही है। इन जगहों पर पार्टी और सरकार के कार्यक्रम ज्यादा से ज्यादा संख्या में हो, इसके लिए योजना बनाई जा रही है। इसको लेकर हारी हुई सीटों पर क्या फर्क पड़ेगा यह तो आने वाले समय में पता चलेगा।
कवर्धा का बवाल अब भी जारी
दो साल पहले तक कवर्धा सांप्रदायिक विवाद के चलते चर्चा में था। इस बार बेमेतरा से कवर्धा तक अलग ही विवाद चल रहा है। मामला अवैध रेत खनन और परिवहन का है जिसकी वजह से दो जिलों में कारोबारी भाजपा नेता परेशान हैं। और कलेक्टर ने कार्रवाई की, तो भाजपा में हड़कंप मचा हुआ है।
दरअसल, अवैध रेत कारोबारियों को विधायक का संरक्षण मिलता रहा है। पुलिस भी सहयोग करती रही है। मगर एक शिकायत पर कलेक्टर को सख्त कार्रवाई के आदेश आ गए।
कलेक्टर ने पिछले दिनों बेमेतरा जिले में अवैध रेत परिवहन में लगी 30 से अधिक गाड़ियों को रोक दिया। विधायक परेशान हो गए। उधर से गुजर रहे एक ताकतवर मंत्री ने गाड़ियों की लाइन देखी, तो पूछताछ की। ज्यादातर कारोबारी भाजपा के थे और उनके अपने इलाके के थे। कुछ लोगों ने टी आई की शिकायत की, तो उन्हें बदल दिया गया। मगर फिर भी कलेक्टर ने गाड़ियों को छोड़ने से मना कर दिया। मंत्रीजी ने यहां-वहां बात की, लेकिन कुछ नहीं हुआ। प्रशासन की सख्ती की इलाके में काफी चर्चा हो रही है।
—
राज्यपाल का विदेश दौरा?
राज्यपाल रामेन डेका विदेश दौरे पर जा सकते हैं। इसकी अनुमति नहीं अभी मिली है। मगर इसकी तैयारी चल रही है। राज्यपाल ने आज-कल में बैठकें लेकर लंबित काम पूरा करने जा रहे हैं।