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वासुदेव प्लांट में मेंटेनेंस के दौरान गर्म डस्ट में गिरे दो मजदूर…आरोप बगैर सेफ्टी उपकरण कराया जा रहा था काम

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वासुदेव प्लांट में मेंटेनेंस के दौरान गर्म डस्ट में गिरे दो मजदूर…आरोप बगैर सेफ्टी उपकरण कराया जा रहा था काम

बिलासपुर। मुंगेली जिले के रामबोड़ इलाके में स्थित वासुदेव स्पंज आयरन प्लांट में शनिवार को एक गंभीर हादसा हो गया, जिसने फैक्ट्री प्रबंधन की कार्यशैली और मजदूर सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। मेंटेनेंस कार्य के दौरान ऊपर शेड में काम कर रहे दो श्रमिक फिटर पंकज निषाद और ठेकेदार संजय सिंह अचानक असंतुलन के चलते नीचे गर्म डस्ट में गिर पड़े। बता रहे है कि दोनों उपर चढ़ कर काम कर रहे थे।जिसमें से एक मजदूर का अचानक पैर फिसला जिससे वो नीचे गिरने लगा,जिससे नीचे तरफ काम कर रहे मजदूर से टकरा गया और वो टकराने के कारण गिर गया।दोनों गंभीर रूप से झुलस गए और चोटिल हो गए उन्हें तत्काल सिम्स अस्पताल, बिलासपुर में भर्ती कराया गया है।
जिनका इलाज चल रहा है। हालाकि इसमें दोनों की हालत अभी खतरे से बाहर है लेकिन जिस हिसाब से हादसे को लेकर चर्चाएं हो रही है उससे क्लियर है कि प्रबंधन का प्लांट के प्रति बिल्कुल जिम्मेदारी नहीं है और लापरवाही पूर्वक काम करवाने से मतलब है।प्लांट में हादसा होते ही हड़कंप मच गया और मजदूरों की भीड़ लग गई।आनन फानन में मौके पर पहुंचे मजदूरों ने तुरंत ही इसकी सूचना मालिक और मैनेजर को दी,तब तक लोगो की सांसे थम चुकी थी।

सूत्रों के अनुसार

हादसे के वक्त दोनों मजदूरों के पास पर्याप्त सुरक्षात्मक उपकरण नहीं था। स्थानीय लोगों की मानें तो फैक्ट्री प्रबंधन नियमित रूप से सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर मज़दूरों से जोखिमभरा काम कराता है।

पूर्व में हुए हादसे से भी नहीं सीखा सबक

कुछ माह पूर्व, इसी क्षेत्र में स्थित कुसुम स्टील प्लांट में साइलो मशीन गिरने से पांच मजदूरों की दर्दनाक मौत हो थी। इसके शासन और प्रबंधन की नींद कुछ समय के लिए खुली थी, लेकिन जैसे ही मामला शांत हुआ, लापरवाही शुरू हो गईं

क्या मजदूरों की जान की कोई कीमत नहीं

उद्योगों में उत्पादन तो प्राथमिकता में है, लेकिन मजदूरों की जान की कोई कीमत नहीं बची? सुरक्षा किट, प्रशिक्षण और आपात स्थितियों से निपटने के लिए ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी अब आम बात हो गई है। मजदूरों को जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर किया जा रहा है।

इस हादसे की खबर मिलते ही सरगांव पुलिस मौके पर पहुंची और मजदूरों से पूछताछ के साथ ही परिजनों से भी बात की।पुलिस का कहना है कि मामले में प्रबंधन को नोटिस देकर थाना बुलवाया जाएगा और जिम्मेदार अधिकारी की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

मजदूर संगठनों का आरोप

मजदूर संगठनों और स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्लांट प्रबंधन ने सुरक्षा उपकरणों की पूरी तरह अनदेखी की। न तो मजदूरों को सेफ्टी बेल्ट दी गई थी और न ही गर्म डस्ट जैसे खतरनाक क्षेत्र में सुरक्षात्मक पोशाक।घटना के बाद इलाके में आक्रोश का माहौल है।मजदूर संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू करेंगे।उन्होंने प्लांट प्रबंधन और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।वहीं स्थानीय प्रशासन और श्रम विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारी दावा कर रहे हैं कि हादसे की पूरी सच्चाई सामने लाकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। यह हादसा औद्योगिक लापरवाही का उदाहरण बन गया है, जो श्रमिक सुरक्षा की अनदेखी के खतरनाक नतीजों को उजागर करता है।

मजदूर ठेकेदार के कहने पर पाइप लाइन का काम करने ऊपर चढ़े थे।एक का पैर फिसला तो वो दूसरे पर गिरा और वो भी गिर गया जिसके कारण दोनों को चोट आई है।जिनका इलाज सिम्स में चल रहा है।कंपनी से बात करने मुआवजा देने की बात की जाएगी।

अतुल वैष्णव, तहसीलदार सरगांव

मजदूर के गिरने की खबर मिली थी जो निजी है।जिनका इलाज सिम्स में किया जा रहा है।बाकी जांच के बाद स्पष्ट होगा कि कैसे हादसा हुआ है।

संतोष शर्मा
टीआई सरगांव थाना

इस घटना को प्रशासन गंभीरता से ले और फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे, ताकि मजदूरों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह रवैये पर लगाम लगाई जा सके। अन्यथा आने वाले दिनों में इस तरह के हादसे और भी ज्यादा खतरनाक रूप ले सकते हैं।

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