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BREAKING : साय सरकार का बड़ा फैसला ! 12 जून को होगी साय केबिनेट की बैठक, शहीद ASP की पत्नी को नौकरी दे सकती है सरकार

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रायपुर : सीएम विष्णुदेव साय ने गुरुवार को कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगामी दौरे और कोंटा नक्सल हमले में शहीद एएसपी आकाश गिरिपुंजे की पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति के प्रस्ताव पर निर्णय लिया जा सकता है।

अमित शाह का 16 को दो दिन के दौरे पर आने का कार्यक्रम है। इस दौरान वे आकाश के घर जाकर परिजनों से मुलाकात कर पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति आदेश सौंप सकते हैं। शाह बीजापुर जाकर नक्सल आपरेशन में शामिल जवानों से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में विधानसभा के मानसून सत्र की तिथियां भी तय हो सकती हैं।

सीएम साय का ट्वीट वीर जवान की शहादत को नमन। माना स्थित चौथी वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल में सुकमा में नक्सली हमले में वीरगति को प्राप्त हुए एएसपी आकाश राव गिरपुंजे जी के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनकी वीरता एवं शौर्य को श्रद्धापूर्वक नमन किया। साथ ही पार्थिव शरीर को कंधा दिया। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। नक्सलवाद से उन्मूलन और बस्तर अंचल को शांति और विकास की राह पर ले जाना हमारा संकल्प है। मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त करने का अभियान निर्णायक मोड़ पर है, हम पीछे नहीं हटेंगे।

परिवार को सरकार का सम्मान
22 मई को कोंटा क्षेत्र में हुए भीषण नक्सली हमले में ASP आकाश गिरिपुंजे वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनके बलिदान ने राज्यभर में शोक और गर्व का माहौल बना दिया था। माना स्थित छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की चौथी वाहिनी में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई थी।

मुख्यमंत्री साय ने ट्वीट कर उनकी शहादत को सलाम करते हुए कहा था, “आकाश राव गिरिपुंजे का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। नक्सलवाद के उन्मूलन और बस्तर को शांति की राह पर ले जाना हमारा संकल्प है।

अमित शाह का दौरा और नक्सल ऑपरेशन की समीक्षा
गृह मंत्री अमित शाह के इस दौरे के दौरान वे बीजापुर में नक्सल ऑपरेशन में लगे सुरक्षाबलों के जवानों से मुलाकात करेंगे। साथ ही बस्तर क्षेत्र में नक्सल उन्मूलन अभियान की समीक्षा भी करेंगे। इस अभियान को राज्य सरकार मार्च 2026 तक निर्णायक मोड़ पर ले जाने की बात कह चुकी है।

मानसून सत्र की तारीखों पर भी हो सकता है फैसला
इस कैबिनेट बैठक में छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र की तिथियों को भी अंतिम रूप दिया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, सत्र जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह में बुलाया जा सकता है।

संवेदनशीलता और प्रशासनिक तत्परता का संकेत
इस आपात बैठक और संभावित निर्णय से राज्य सरकार ने संकेत दिया है कि वह शहीदों के परिवारों को न केवल सम्मान दे रही है, बल्कि उनके भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में भी गंभीर है।

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