बिलासपुर। प्रदेश में साल 2025 की स्थानांतरण प्रक्रिया के लिए नई नीति लागू कर दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों, विभागाध्यक्षों, संभाग आयुक्तों और कलेक्टरों को पत्र जारी कर जानकारी दी है कि 6 जून से 13 जून तक स्वैच्छिक स्थानांतरण के आवेदन लिए जाएंगे और 14 जून से 25 जून के बीच स्थानांतरण किए जाएंगे।
इन विभागों में नहीं लागू होगी नई नीति
नई नीति के अनुसार यह स्थानांतरण प्रक्रिया पुलिस, आबकारी, खनिज, परिवहन, वाणिज्यकर, पंजीयन, स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकों और राज्य के निगम-मंडल-आयोगों पर लागू नहीं होगी।
मंत्री की अनुमति से होंगे तबादले
तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के स्थानांतरण जिला कलेक्टर द्वारा प्रभारी मंत्री की अनुमति से 14 से 25 जून तक किए जाएंगे। एक ही जगह दो साल से ज्यादा समय से पदस्थ कर्मचारियों का ही स्थानांतरण होगा। स्थानांतरण का प्रतिशत भी तय किया गया है। तृतीय श्रेणी में 10 प्रतिशत और चतुर्थ श्रेणी में 15 प्रतिशत अधिकतम तबादले हो सकेंगे।
यदि कर्मचारी पर गंभीर शिकायत हो और वह दो साल पूरे नहीं किया हो, तब भी प्रारंभिक जांच में सही पाए जाने पर स्थानांतरण किया जा सकता है। जिन कर्मचारियों की सेवा समाप्ति में एक साल से कम समय बचा है, उन्हें उनकी सहूलियत के अनुसार गृह जिले में या विकल्प वाले जिले में स्थानांतरित किया जा सकता है।
शासन द्वारा ग्रामीण-शहरी संतुलन बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। ज्यादा कर्मचारी वाले स्थान से कम कर्मचारी वाले स्थान की तरफ ही स्थानांतरण किया जाएगा।
राज्य स्तर पर भी यही तिथि (14 से 25 जून) तय की गई है। सभी स्थानांतरण संबंधित विभागीय मंत्री की अनुमति से ही होंगे और प्रक्रिया सचिवालयीन नियमों के अनुसार होगी। अनुसूचित क्षेत्रों से गैर-अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरण के लिए बदले में एक कर्मचारी को वहां भेजना अनिवार्य होगा।
गंभीर बीमारी (जैसे कैंसर, किडनी फेलियर, हार्ट सर्जरी) वाले कर्मचारी मेडिकल बोर्ड की सिफारिश पर स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। मानसिक या शारीरिक रूप से दिव्यांग बच्चों वाले माता-पिता को, उपचार और शिक्षा की सुविधा वाले स्थान पर स्वयं के खर्च पर स्थानांतरण दिया जा सकता है। स्थानांतरण आदेश जारी होने के 10 दिनों के भीतर कार्यमुक्त करना होगा, नहीं होने पर एकतरफा कार्यमुक्ति मानी जाएगी। 25 जून के बाद स्थानांतरण पर पूरी तरह से रोक लागू हो जाएगी। बहुत ही आवश्यक परिस्थितियों में मुख्यमंत्री की अनुमति से ही स्थानांतरण संभव होगा। शिक्षकों का स्थानांतरण इस बार नहीं किया जाएगा क्योंकि उनकी युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पहले से जारी है।