रायपुर । महादेव ऑनलाइन सट्टा प्रकरण में सीबीआई ने बुधवार को पूर्व सीएम भूपेश बघेल, कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव, छह पुलिस अफसरों समेत 14 लोगों के 60 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है। इनमें दो आईजी, एक डीआईजी, एक एआईजी, दो एएसपी स्तर के अफसर शामिल हैं। कुछ जगहों पर सीबीआई की टीम को विरोध का सामना भी करना पड़ा है। सीबीआई की कार्रवाई छत्तीसगढ़ के अलावा भोपाल, कोलकाता और दिल्ली में भी चल रही है।
सीबीआई की बड़ी टीम मंगलवार को यहां पहुंच गई थी। आज सुबह रायपुर, और भिलाई आवास में सबसे पहले पूर्व सीएम भूपेश बघेल के यहां सीबीआई की टीम पहुंची। भिलाई में कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव के निवास पर भी सीबीआई ने छापेमारी की है।
सीबीआई की टीम आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा, आरिफ शेख, और डीआईजी प्रशांत अग्रवाल व अभिषेक पल्लव के निवास पर भी दबिश दी। अग्रवाल, और पल्लव का भिलाई में निवास है। रायपुर में आईजी डॉ. छाबड़ा के देवेन्द्र नगर स्थित निवास पर टीम पहुंची। इसके अलावा एएसपी संजय ध्रुव, और अभिषेक माहेश्वरी के यहां भी सीबीआई ने छापेमारी की है।
माहेश्वरी का भावना नगर स्थित मकान में टीम पहुंची थी, लेकिन वो नहीं थे। उनका घर सील कर दिया गया। यही नहीं, पूर्व सीएम के ओएसडी मनीष बंछोर, और आशीष वर्मा के यहां भी सीबीआई ने छापेमारी की है। जेल में बंद रिटायर्ड आईएएस अनिल टूटेजा, और सौम्या चौरसिया के यहां भी सीबीआई ने दबिश दी है। केपीएस के डायरेक्टर निशांत त्रिपाठी के यहां भी सीबीआई ने छापमारी की है।
करीब डेढ़ साल की चुप्पी के बाद सीबीआई की पहली कार्रवाई है। प्रकरण की ईडी जांच कर रही थी, और फिर ईडी ने प्रकरण सीबीआई के हवाले कर दिया था। बताया गया कि ईडी ने महादेव ऑनलाइन सट्टा के प्रमोटर द्वारा तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल, और उनके करीबियों को 508 करोड़ रूपए सुरक्षा राशि के रूप में भुगतान करने का जिक्र किया था। इस पूरे मामले में एक एएसआई चंद्रभूषण वर्मा अभी जेल में भी है। वर्मा को ईडी ने गिरफ्तार किया था, और उनसे पूछताछ के बाद प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल से लेनदेन का खुलासा हुआ था। ईडी ने सीएम के तत्कालीन सलाहकार विनोद वर्मा के यहां भी छापेमारी की थी।
सीबीआई का बयान
सीबीआई ने जारी एक प्रेसनोट में कहा कि महादेव बुक ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले की जांच में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) बुधवार को छत्तीसगढ़, भोपाल, कोलकाता और दिल्ली में 60 स्थानों पर तलाशी ले रहा है, जिसमें राजनेताओं, वरिष्ठ नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों, महादेव बुक के प्रमुख पदाधिकारियों और मामले में शामिल होने के संदिग्ध अन्य निजी व्यक्तियों से जुड़े परिसर शामिल हैं। यह मामला महादेव बुक के अवैध संचालन से संबंधित है, जो रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर द्वारा प्रवर्तित एक ऑनलाइन सट्टेबाजी मंच है, जो वर्तमान में दुबई में स्थित हैं। जांच से पता चला है कि प्रमोटरों ने अपने अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क के सुचारू और निर्बाध संचालन को सुनिश्चित करने के लिए कथित तौर पर लोक सेवकों को सुरक्षा धन के रूप में बड़ी मात्रा में भुगतान किया।
आगे कहा गया कि शुरुआत में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) रायपुर द्वारा दर्ज किए गए इस मामले को बाद में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और अन्य आरोपी व्यक्तियों की भूमिका की व्यापक जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया था। तलाशी के दौरान डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य पाए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया। तलाशी जारी है।