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BIG NEWS : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर ईडी के बाद सीबीआई की कार्रवाई, कांग्रेस ने बताया राजनीतिक साजिश

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  रायपुर :-छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के आवास पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने छापेमारी की है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी उनके आवास पर छापेमारी कर चुकी है। सीबीआई की इस कार्रवाई के तहत रायपुर और भिलाई में बघेल के करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर भी छापे मारे गए हैं।

घोटालों के आरोपों के बाद कार्रवाई

यह छापेमारी शराब, कोयला और महादेव सट्टा ऐप घोटाले सहित कई मामलों से जुड़ी बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, सीबीआई की टीमें पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले विनोद वर्मा और देवेंद्र यादव के आवास पर भी पहुंचीं। साथ ही एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के घर भी तलाशी ली गई।

भूपेश बघेल का बयान

भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई को लेकर अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से प्रतिक्रिया दी। उनके कार्यालय की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया, “अब सीबीआई आई है। आगामी 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाली AICC की बैठक के लिए गठित ड्राफ्टिंग कमेटी की मीटिंग के लिए आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दिल्ली जाने का कार्यक्रम था, लेकिन उससे पहले ही सीबीआई रायपुर और भिलाई में उनके निवास पर पहुंच गई।”

कांग्रेस का बीजेपी पर निशाना

कांग्रेस ने इस छापेमारी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने बयान जारी कर कहा कि “बीजेपी की मोदी सरकार ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास पर सीबीआई भेजी है।” उन्होंने इस कार्रवाई को विपक्षी नेताओं के खिलाफ राजनीतिक साजिश करार दिया।

ईडी पहले ही कर चुकी है छापेमारी

इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 10 मार्च को इसी मामले में दुर्ग जिले के 14 स्थानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के आवासों की तलाशी ली गई थी। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत यह कार्रवाई की थी और लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल से जुड़े ठिकानों की भी तलाशी ली थी। बंसल को बघेल के बेटे का करीबी माना जाता है।

कार्रवाई से बढ़ी राजनीतिक हलचल

सीबीआई और ईडी की इस कार्रवाई से छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है, जबकि बीजेपी का कहना है कि जांच एजेंसियां अपने कानून के दायरे में रहकर काम कर रही हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या मोड़ आता है।

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