
रतनपुर से वासित अली की रिपोर्ट
रतनपुर महामाया की नगरी में जाल में फंसे 30 कछुआ की मौत आखिर इसका दोषी कौन है यह सारे सवाल रतनपुर में चर्चा का विषय बना हुआ
आज सुबह महामाया कुंड के किनारे जाल मेँ फंसे हुए 30 मृत कछुए पाए जाने की खबर से नगर मेँ ह्ड़कंप मच गया, ज्ञात हो कि महामाया मंदिर मेँ अभी नवरात्रि की तैयारी ज़ोरो पर है ऐसे मेँ तीस कछुओं का जाल मेँ फंस कर मरा हुआ मिलना कई सवालों को जन्म देता है
विदित हो कि कुछ साल पहले बूढ़ा महादेव कुंड की सफाई के समय निकले गए लगभग 50 किलो कछुए को महामाया कुंड में डाला गया था जो कि कुछ दिनों बाद उसकी भी मृत्यु हो गई थी उस कछुए की मौत के कारणों का अभी तक पता नहीं लगाया गया और ना किसी को दोषी बनाया गया और अब यह नया मामला 30 कछुओ की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाना तो लाजमी है????????
कुंड मेँ कपड़ा धोना, नहाना या मछली पकड़े पर ट्रस्ट नें रोक लगा कर रखा है, मंदिर से बिल्कुल लगे हुए कुंड मेँ किसने जाल मेँ इन्हे फसाया? महामाया मंदिर का सी सी टीवी क्यों बंद था? मंदिर की सुरक्षा मेँ तैनात सुरक्षा बल नें कुंड मेँ जाल डालने वालों को क्यों नहीं पकड़ा? ये सारे सवाल बेहद संगीन और ट्रस्ट के रवैये पर सवाल खड़ा करते हैँ।
अभी कुछ दिनों पहले ही शंकर गेट के पास अज्ञात तत्वों द्वारा महामाया मैदान के दुकान मेँ आगजनी की घटना हुई थी, तब भी ट्रस्ट के सुरक्षा मानको पर सवाल खड़ा हुआ था, नगर मेँ ये चर्चा का विषय था!
आज सुबह महामाया कुंड के किनारे जाल मेँ फंस कर मृत पाए गए तीस कछुओं से एक बात स्पष्ट है कि कुंड मेँ अज्ञात तत्वों द्वारा जाल डाल कर मछली मारने या ट्रस्ट के द्वारा कुंड की सफाई का प्रयास किया गया है, नवरात्री के बिल्कुल पहले ट्रस्ट द्वारा सुरक्षा व्यवस्था मेँ बरती गई भारी चूक बेहद संदिग्ध है!
नवरात्री पर्व मेँ जहाँ सारी व्यवस्था चाक चौबंद होती है, सारे सी सी टीवी को अपडेट किया जाता है, सुरक्षा बल अपनी चौकसी बढ़ा देते हैं ऐसे मेँ इस घटना नें ट्रस्ट के सारे दावों को खोखला साबित कर कटघरे मेँ खड़ा कर दिया है!
वन्य विभाग कुंड मेँ तीस कछुओं के होने की जानकारी से अनजान रहते हुए मुक दर्शक बनी हुई है, रतनपुर के तालाबों मेँ पाए जाने वाले कछुओं को लोग अक्सर महामाया कुंड मेँ छोड़ देते हैं, जहाँ कछुए अपने प्राकृतिक आवस के बिना सर्वाइव भी नहीं कर पाते ऐसे 30 कछुओं का यूँ जाल मेँ मृत पाए जाना वन विभाग के अधिकारिओ की निष्क्रियता को दर्शाता हैं
कुल मिला कर इस घटना के बाद महामाया ट्रस्ट की मनमानी, भर्राशाही, सुरक्षा मानकों की विफलता और चुप्पी से उपजे कई सवालों को जवाब का इंतज़ार हैं!