बिलासपुर संभाग के एक मंत्री और एक विधायक के बीच एक तबादले को लेकर विवाद लंबे समय से चल रहा है। चर्चा है कि विधायक ने तबादले के लिए कुछ ले लिए थे लेकिन मंत्री आदेश निकालने में हीला-हवाला करते रहे। पूर्व मंत्री व वरिष्ठ विधायक ने कई बार मंत्री से अनुरोध कर तबादला का आदेश निकालने को कहा। मंत्री हर बार आदेश निकालने का आश्वासन देकर मामला को लटकाए रखा। नाराज विधायक ने राजधानी के शीर्ष नेताओं तक इस मामले की शिकायत कर जिले में होने वाले तबादले की देखरेख के लिए विधायकों की समिति बनाने का अनुरोध किया। वरिष्ठ विधायक के अनुरोध पर जिले के नेताओं के बीच चलते आपसी खींच-तान को दूर करने जिले स्तर पर एक समिति गठित की गई । इसके बाद विधायक और नेताओं का काम धड़ल्ले से होने लगा।
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भ्रष्टाचार की माला
किसके गले में…
भारत माला योजना का मामला जोरदार तरीके से विधानसभा में उठने के बाद सरकार हरकत में आ गयी हैं। बताया जाता है कि करीब 4 सौ करोड़ के घोटाला हुआ है। जिसमें ज्यादातर नेता, नौकरशाह और बड़े किसान हैं। वैसे तो यह कांग्रेसराज का मामला है।
मगर राजस्व मंत्री को जवाब देना भारी पड़ रहा है। बताते हैं कि एक पूर्व मंत्री का भारतमाला परियोजना में भारी जमीन अपने रिश्तेदार और पार्टनरों के नाम से खरीदकर भारी मुआवजा लेने की काफी चर्चा है। मामले की जांच की ईवोडब्ल्यू कराने के फैसले के बाद हडक़ंप मचा है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत कोर्ट जाने की तैयारी में है।
नियम विरुद्ब मुआवजा देने का मामला तूल पकड़ चुका है। मंदिर ट्रस्ट की जमीन को भी गलत नाम में चढ़ाकर एक फर्जी व्यक्ति को दे दी गयी है। वास्तविक ट्रस्ट्री मंत्रालय से लेकर जिला प्रशासन तक शिकायत करते रहे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब मामला ईओडब्ल्यू में जाने के बाद पुलिस विभाग के अधिकारी सक्रिय हो गये हैं। कई बड़े चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।
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बेमेतरा में टी-ट्वेंटी मैच
बेमेतरा में यह चर्चा है कि बेमेतरा विधानसभा के विधायक रिपीट नहीं होते है। एक बार चुनाव जीतने वाले जनप्रतिनिधि की दूसरी बार फिर से वापसी की संभावनाएं बहुंत कम रहती है। इसको देखते हुए वर्तमान विधायक जोरदार तरीके से बल्लेबाजी कर रहे हैं। प्रशासन,संगठन और उद्योगपति परेशान होकर त्राही-मांम, त्राही-माम चिल्लाते घूम रहे हैं। पिछले दिनों चार ट्रक अवैध शराब पकड़ाया था।
शराब के धंधे में कौन शामिल रहा है, इसकी भी तहकीकात हो रही है। वैसे भी बेमेतरा जिले में इस तरह के किस्से और कहानियां अधिक सुनने को मिल रही है।
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जिला पंचायतों मेें बड़ी जीत
छत्तीसगढ़ भाजपा संगठन की कुशल रणनीति के चलते पहली बार 31 जिला पंचायत अध्यक्ष जीतकर आ गए हैं। ऐतिहासिक तरीके से मिले इस जीत को लेकर एक खास रणनीति बनाई गयी थी। जिसके तहत सभी जिले के नेताओं को एक जुट कर आपसी समन्वय से प्रत्याशी चयन को सहमति की गयी थी। प्रदेश स्तर के नेताओं का सीधा हस्तक्षेप जिला पंचायत चुनाव में नहीं के बराबर देखने को मिला। जिले स्तर के राजनीतिक स्थिति सामाजिक स्थिति को देखने के लिए प्रदेश से पर्यवेक्षक भेजा गया। ज्यादातर पर्यवेक्षकों को नेताओं की आपसी सहमति व परामर्श से रास्ता निकालने की जिम्मेदारी दी गयी थी। इसके बावजूद भी जनपदों में सांरगढ़,मरवाही सहित कुछ जगहों में नेताओं के आपसी समन्वय नहीं होने के कारण हार मिली है।
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रायपुर आईजी को लेकर अटकलें
बिलासपुर आईजी संजीव शुक्ला को रायपुर रेंज का आईजी बनाए जाने की चर्चा है। दरअसल, रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा के पास दो महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। ईवोडब्ल्यू में काम और चुनौती दिनों-दिन बढ़ती जा रही है इसलिए अमरेश मिश्रा को दोनों में से एक काम शासन स्तर पर दिया गया है। देखना यह है कि तेज तर्रार आईजी अमरेश मिश्रा कौन से पद से हटेंगे ? और कब हटेंगे? ऐसी चर्चा है कि उन्हें रायपुर आईजी के प्रभार से मुक्त हो सकते हैं।उनकी जगह रायपुर आईजी के लिए कई नाम चल रहे हैं। उसमें सबसे उपर संजीव शुक्ला के नाम की चर्चा है। बिलासपुर आईजी संजीव शुक्ला की भाजपा सरकार आने के बाद पदस्थापना किया गया है।
फोन टैपिंग
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने पिछल दिनों सरकार पर अपना फोन टैपिंग करवाने का आरोप लगाया था। वैसे तो इस तरह के आरोप हर सरकार में विपक्ष के नेता लगाते आए हैं। मगर इस बार एक सत्ता पक्ष के विधायक ने पिछले दिनों सरकार के मुखिया से मिलकर इस तरह की शिकायत की है।
विधायक महोदय की नाराजगी एक पुलिस अफसर को लेकर है। विधायक का आरोप है कि अफसर की शह पर उनके फोन को सर्विलांस पर रखा गया है।
विधायक महोदय ‘महादेव’ के भक्त माने जाते हैं। बस, इसी भक्ति के चलते चर्चा रहते हैं और पुलिस की नजर में आ गए हैं।
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सूची में कौन-कौन
विधानसभा सत्र के बीच धमतरी और दुर्ग कलेक्टर बदले गए हैं। दोनों कलेक्टरों की केन्द्रीय सरकार में पोस्टिंग हो गई थी। अब कम से कम दो कलेक्टर और बदले जाएंगे।
इनमें बिलासपुर और खैरागढ़ कलेक्टर का नाम तय है। वैसे तो फेरबदल की सूची बड़ी लम्बी होगी। बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण प्रमोट होकर सचिव बन गए हैं। जबकि खैरागढ़ कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा के कारनामों की वजह से उन्हें बदला जाना तय माना जा रहा है।