रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने भारतमाला परियोजना में हुए घोटाले की जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) से कराने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस घोटाले को लेकर गंभीर निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में परियोजना के आसपास की जमीनों को कई टुकड़ों में बांटकर करीब 350 करोड़ का मुआवजा बांटा गया। जबकि वास्तविक मुआवजा 35 करोड़ का बन रहा था। यह मामला विधानसभा में विपक्ष ने प्रमुखता से उठाया था। इस मामले की गूंज लगातार बनी रही। आरंग और अभनपुर इलाके में मुआवजे को लेकर बड़ा खेल हुआ है। इस मामले में जांच के बाद कई सस्पेंड भी हो चुके हैं। अब इसकी जांच ईओडब्लू करेगी।
विधेयकों को मिली कैबिनेट की मंजूरी
कैबिनेट ने कुछ विधेयकों का अनुमोदन किया है। इनमें छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल विधेयक-2025, छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक-2025 छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने 27 फरवरी को फिल्म छावा को राज्य में टैक्स फ्री करने की घोषणा की थी। मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुपालन में फिल्म छावा के प्रदर्शन पर प्रवेश हेतु देय राज्य माल और सेवा कर (एसजीएसटी) के समतुल्य धनराशि की प्रतिपूर्ति किए जाने का अनुमोदन किया गया। मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और वैज्ञानिक योजना तैयार करने के लिए राज्य जल सूचना केन्द्र का गठन करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय से समझौता ज्ञापन (एमओयू) करने की सहमति प्रदान की गई।