मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: पौराणिक कथाओं में इच्छाधारी नाग-नागिन की कहानियां प्रसिद्ध हैं. इन कहानियों में नाग-नागिन को ऐसा जीव बताया गया है जो किसी का भी रूप धारण कर सकते हैं और कई सालों तक ज़िंदा रह सकते हैं. ऐसा आपने सुना होगा कि अगर नाग को कोई मार दे तो उसका बदला नागिन लेती है और अगर नागिन को कोई मार दे तो उसका बदला नाग लेता है. इनकी कहानियां पुरानी कथाओं जैसे कि रामायण, महाभारत और पुराणों में पाई जाती हैं. इन कथाओं में उनकी शक्तियों और रूपों का वर्णन किया गया है.
नाग-नागिन सच में होते भी हैं या नहीं
छत्तीसगढ़ में मनेंद्रगढ़ जिले के पास एक गुफा है, यहां के लोगों का कहना है कि आज भी नाग नागिन उनके सपनों में आते हैं. यह नाग गुफा पहाड़ों, चट्टानों और हरे-भरे जंगलों से भरी हई है. लोगों की मान्यताओं के मुताबिक, इस गुफा में कभी इच्छाधारी नाग और नागिन रहते थे, जो रात के अंधेरे में मनुष्य का रूप धारण करके मनुष्यों जैसे ही क्रिया करते थे.

यहां के गांव वासियों के अनुसार, उनके पूर्वज इस गुफा को इच्छाधारी नाग और नागिन का स्थान मानते थे. उनके मुताबिक, नाग-नागिन को मनुष्य रूप धारण करते हुए देखा गया था. लेकिन अब लोगों के मन में सवाल यह है कि क्या सच में रूप बदलने वाले इच्छाधारी नाग नागिन होते हैं? इसे लेकर विज्ञान का जवाब है नहीं. मान्यता के अनुसार, इच्छाधारी नाग-नागिन होने की बातें काफी हद तक भ्रम है. उनका मानना है कि यदि कोई भी जीव असल रूप से पैदा होता है. यह माता-पिता के कारण पैदा होते हैं, तो कोई भी जीव अपने रूप को नहीं बदल सकता है. अंधश्रद्धा और विज्ञान के अनुसार, इच्छाधारी नाग नागिन नहीं होते हैं. यह सिर्फ भ्रम है.