क्या है 18 करोड़ का लोन मामला?
दरअसल, हाल ही में प्रीति जिंटा (Preity Zinta) महाकुंभ में आस्था की डुब्की लगाने के लिए पहुंची थीं. जिसके बाद से सोशल मीडिया पर खबर चलने लगी कि उनके नाम पर 18 करोड़ रुपए का लोन था, जो डूबते बैंक यानी न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक ने माफ कर दिया है. इसके बाद प्रीति जिंटा (Preity Zinta) ने सभी आरोपों का खंडन किया और इस मामले पर अपनी सफाई पेश की है.
प्रीति जिंटा ने लगाई फटकार
बता दें कि कांग्रेस केरल ने प्रीति जिंटा (Preity Zinta) पर आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘प्रीति जिंटा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट भाजपा को दे दिए और 18 कोरड़ रुपए माफ करवा लिए. बीते हफ्ते बैंक डूब गया. जमाकर्ता अपने पैसे के लिए सड़कों पर हैं.’ केरल कांग्रेस के इस ट्वीट का जवाब देते हुए प्रीति जिंटा (Preity Zinta) ने लिखा कि ‘नहीं, मैं अपने सोशल मीडिया अकाउंट खुद चलाती हूं और आपको फर्जी खबरों को बढ़ावा देने में शर्म आनी चाहिए. किसी ने मेरा कोई लोन माफ नहीं किया है.’ उन्होंने आगे लिखा कि, ‘मैं हैरान हूं कि कोई राजनीतिक पार्टी फर्जी खबरों को बढ़ावा दे रहा है. रिकॉर्ड के लिए एक लोन लिया गया था और उसे मैने पूरी तरह से चुकाया था. इस बात को 10 साल से भी ज्यादा का समय हो गया है. अम्मीद है कि अब स्पष्ट है.’
बता दें कि प्रीति जिंटा (Preity Zinta) ने पहले भी इस मामले पर सफाई देते हुए कहा था कि ‘मेरे पास 12 साल से अधिक समय पहले न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के साथ ओवरड्राफ्ट सुविधा थी और 10 साल से अधिक समय पहले मैंने ओवरड्राफ्ट सुविधा के संबंध में पूरी बकाया राशि जमा कर दी थी और खाता भी बंद कर दिया था.’ यह विवाद तब बड़ा जब मीडिया रिपोर्ट्स में बैंक में बड़े पैमाने पर फाइनेंशियल मिसमैनेजनेंट और कथित भ्रष्टाचार का खुलासा किया गया, जिसके बाद आरबीआई ने इस बैंक के संचालन पर बैन लगा दिया.