कथा कभी समाप्त नहीं होती, विराम लेती है -मानस विदुषी…कथा वाचिका ने राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के लिए कहा कर्तव्यनिष्ठा और नेतृत्व के हैं प्रतीक
बलौदा बाजार, सोमवार।स्व. श्री सोनचंद वर्मा स्मृति फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय दिव्य संगीतमयी श्री रामकथा महोत्सव का समापन रविवार को श्रद्धा, भक्ति और ज्ञान के संगम के साथ हुआ। सुप्रसिद्ध मानस विदुषी चन्द्रकला जी ने अपने सारगर्भित प्रवचनों और संगीतमयी प्रस्तुति से भगवान श्रीराम के आदर्श चरित्र और रामराज्य की अवधारणा को श्रोताओं के समक्ष अत्यंत प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया।
*सुंदरकांड का विशेष वर्णन*
समापन दिवस पर विदुषी चन्द्रकला जी ने सुंदरकांड और लंका कांड के प्रमुख प्रसंगों का वर्णन करते हुए रामायण के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने रावण वध और भगवान श्रीराम के अयोध्या में राज्याभिषेक का भावपूर्ण विवरण देते हुए समाज में रामराज्य की आवश्यकता और उसकी प्रासंगिकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सुंदरकांड रामचरितमानस का सबसे सुंदर और महत्वपूर्ण भाग है, जिसका अध्ययन हमें जीवन के श्रेष्ठ मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देता है।
*रामराज्य की स्थापना पर जोर*
विदुषी जी ने रामराज्य की परिभाषा देते हुए कहा कि यह एक ऐसा आदर्श राज्य है जहां भ्रष्टाचार, घृणा और अन्याय के लिए कोई स्थान नहीं है। आज के समाज में रामराज्य की स्थापना तभी संभव है जब हम श्रीराम के गुणों को अपने जीवन में आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि गुरुकृपा के बिना आत्मबोध और राम के गुणों को अपनाना कठिन है।
*आयोजन समिति की सराहना*
विदुषी जी ने आयोजन समिति और संयोजक पुष्पराज टंकराम वर्मा को इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
*श्रीराम कथा महोत्सव के समापन* पर मानस विदुषी चन्द्रकला जी ने छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री श्री टंकराम वर्मा की ईमानदारी, ऊर्जा और नेतृत्व क्षमता की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में क्षेत्र का चहुंमुखी विकास हो रहा है। उन्होंने मंत्री जी के बारे में कहा कि राजस्व विभाग जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को जिस कुशलता और निष्ठा से वे निभा रहे हैं, वह उनकी ईमानदारी का प्रमाण है।
*“घर की चाबी भरोसेमंद को ही दी जाती है”*
विदुषी चन्द्रकला जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि शासन ने श्री वर्मा को खेल-कूद एवं कल्याण विभाग का प्रभार देकर यह साबित कर दिया है कि वे ऊर्जा और स्फूर्ति के प्रतीक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि “घर की चाबी केवल भरोसेमंद व्यक्ति को ही सौंपी जाती है,” और राजस्व विभाग में श्री वर्मा की नियुक्ति उनकी ईमानदारी और जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का उदाहरण है।
*आपदा प्रबंधन में सक्रिय भूमिका*
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रति मंत्री जी की सक्रियता और संवेदनशीलता की चर्चा करते हुए विदुषी जी ने कहा कि यह विभाग उनकी क्रियाशीलता और तत्परता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मंत्री जी क्षेत्रवासियों के कल्याण और संकट प्रबंधन में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाते हैं, जो उनके नेतृत्व को और अधिक प्रशंसनीय बनाता है।
मंत्री जी ने कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं और अतिथियों को यह विश्वास दिलाया कि उनके नेतृत्व में क्षेत्र निरंतर विकास और प्रगति की ओर अग्रसर रहेगा।
*क्षेत्रवासियों के सुख-समृद्धि के लिए शुभकामनाएं*
कथा के समापन पर विदुषी जी ने मंत्री जी की दूरदर्शिता और जनता के प्रति उनके समर्पण को सराहते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य और क्षेत्रवासियों के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि ऐसे निष्ठावान और ऊर्जावान नेता किसी भी क्षेत्र की उन्नति के लिए आवश्यक हैं।
*कार्यक्रम का समापन*
श्रीराम कथा के इस दिव्य आयोजन ने पूरे क्षेत्र में भक्ति और ज्ञान का माहौल बनाया। विदुषी चन्द्रकला जी ने भगवान श्रीराम के गुणों को आत्मसात करने और उनके आदर्शों को जीवन में उतारने का संदेश देते हुए कथा को विराम दिया।