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CHATTISGARH WATCH: तिरछी नजर : गुरू गुड़, चेला शक्कर.. ( प्रदेश में चल रही राजनीति की अंदर की खबर,राजधानी से)

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CHATTISGARH WATCH: तिरछी नजर : गुरू गुड़, चेला शक्कर..
( प्रदेश में चल रही राजनीति की अंदर की खबर,राजधानी से)

रायपुर।हरियाणा के पहली बार के विधायक गौरव गौतम के मंत्री बनने से छत्तीसगढ़ के कई भाजपा नेता खुश हैं। गौरव छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रभारी रहे डॉ अनिल जैन के पीए थे। लिहाजा, डॉ अनिल जैन के साथ छत्तीसगढ़ आना-जाना लगा रहता था। यहां के कई भाजपा नेता गौरव के संपर्क में रहे हैं। और जब उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली, तो यहां से बधाईयों का तांता उन तक पहुंचा है।

दूसरी तरफ,छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 में बुरी हार के बाद से डॉ अनिल जैन भाजपा की राजनीति में हासिए पर चले गए। पहले उन्हें राष्ट्रीय महासचिव पद से हटाया गया और फिर लोकसभा चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ के प्रभार से मुक्त कर दिया गया।राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद उन्हें दोबारा नहीं भेजा गया। मगर उनके पीए गौरव गौतम की किस्मत अचानक खुल गई। पार्टी ने उन्हें विधानसभा टिकट दे दी। फ़िर चुनाव जीतने के बाद उन्हें मंत्री भी बना दिया गया। कहावत है गुरू गुड़ रह गए, चेला शक्कर हो गया।

परंपरा को तोड़कर नियुक्तियां..

छत्तीसगढ़ भाजपा के इतिहास में पहली बार 2023 के विधानसभा चुनाव में पराजित भाजपा प्रत्याशी सरला कोसरिया को महिला आयोग में सदस्य बना दिया गया है जिसका पार्टी के भीतर विरोध हो रहा है। सरला अभी जिला भाजपा की उपाध्यक्ष भी है।
विरोधी गुट का कहना है कि जीती हुई बाजी सरला हारी। इसके पहले भी विधानसभा चुनाव में हारे प्रत्याशी को अंतिम वर्ष में पद मिला था। गौरीशंकर अग्रवाल व लता उसेंडी को रमन सिंह सरकार में निगम का चेयरमैन बनाया गया था। इतनी जल्दी सरला कोसरिया को पद देने की रीति, नीति और योग्यता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। ऐसे कई नियुक्तियों के मापदंड में अनदेखी से विवाद बढऩे के संकेत है।

मंत्रिमंडल विस्तार की कहानी

विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल का विस्तार अब नये वर्ष में होने की अटकलें लग रही है। पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव के रिजल्ट के बाद बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में किसका पलड़ा भारी होगा कहना मुश्किल है। मंत्री पद के एक प्रबल दावेदार का कहना है कि दिसंबर तक का इंतजार करेंगे। नये साल में नये तेवर दिखाएंगे। बस्तर से एक मंत्री बनाए जाने की प्रबल संभावना है। इसमें आदिवासी वर्ग से विक्रम उसेंडी की प्रबल संभावनाएं बन रही थी लेकिन आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए जाने के कारण आदिवासियों के कोटे के एक मंत्री कम किए जाने की चर्चा है,उसके जगह प्रदेश अध्यक्ष किरण देव का लाटरी खुल सकता है। वैश्य समाज मंत्रीमंडल में जगह पाने जोरदार लाबिंग कर रहा है लेकिन यादव समाज के दुर्ग विधायक पर सहमति बनाने की कवायद चल रही है।

कर्मचारी के जवाब से
मंत्री कमरे में सन्नाटा

स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़झाले की खबर आए दिन बाहर निकलते रहती है। पिछले दिनों फाईलों के फटाफट नहीं निकलने से चितिंत मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक के बीच एक जिम्मेदार कर्मचारी को बुलाकर पूछा गया कि विभाग कैसे चल रहा है। कर्मचारी ने कहा कि हाल-बेहाल है। मंत्री के कमरे में थोड़े देर के लिए सन्नाटा छा गया और फिर हर फाईल पर चर्चा का दौर शुरू हो गया। दरअसल ,मंत्री जी के यहां फाईल दौड़ाने वाले की संख्या बढ़ गयी है इसलिए विवाद अधिक हो रहा है।

उद्योगपति मस्त,कर्मचारी मस्त!

उद्योगपतियों और अधिकारियों की जबरदस्त गठजोड़ से बड़े बड़े घपले घोटाले और कामों की चर्चा आए दिन होती रहती है। केन्द्र व राज्य सरकार ने कोयले खदानों और कोयले से उत्पादित कल कारखानों के कर्मचारियों को स्वास्थ्य परीक्षण कराने का निर्देश दिया है। इस निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग श्रम विभाग ने रिपोर्ट दे दी कि सभी (100 प्रतिशत) कर्मचारी स्वस्थ्य ,तंदुरूस्त, और बिना रोग के तंदुरुस्ती के साथ काम कर रहे है। इस रिपोर्ट से न्यायालय के जज भी हतप्रभ रह गये। संदेह होने पर दूसरे लोगों से जांच कराई गयी तो पूरा फर्जीवाड़ा उजागर हो गया। छत्तीसगढ़ में ज्यादातर बड़े उद्योग कोल आधारित है। इन उद्योगों के मालिको ने पिछले वर्षो में एतिहासिक कमाई की है और मजदूरों की हालत तो रिपोर्ट देखकर आप भी अंदाजा लगा सकते है।

बृजमोहन ने दिखाई ताकत

आखिरकार भाजपा ने सांसद बृजमोहन अग्रवाल की पसंद पर सुनील सोनी को प्रत्याशी बना दिया। सुनील सोनी का टिकट के बाकी दावेदार एकजुट होकर विरोध कर रहे थे।पार्टी ने बृजमोहन से तीन नाम मांगे भी थे लेकिन उन्होंने साफ तौर पर कह दिया कि सुनील सोनी के अलावा कोई और नाम नहीं है। यही नहीं, रायपुर दक्षिण की बैठकों से दूर रहे। पार्टी के चुनाव के प्रभारी मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल तीन बार उनके घर भी गए लेकिन बृजमोहन आराम फरमाते रहे। लेकिन वो बाहर नहीं निकले। उन्होंने कह दिया था कि टिकट घोषित होने के बाद ही बैठक में जाएंगे।इधर,बाकी दावेदार आश्वस्त थे कि सुनील सोनी को टिकट नहीं मिलेगी।
एक दावेदार तो अपने को भावी मंत्री मान कर चल रहे थे। कुल मिलाकर सुनील सोनी को टिकट दिलाकर बृजमोहन ने एक तरह अपनी ताकत दिखाई है।

चुनाव खर्च !

भाजपा में चुनाव प्रचार की रणनीति पर चर्चा के लिए बैठकों का दौर चल रहा है। रायपुर दक्षिण में पार्टी संगठन के चार मंडल है और हरेक में पांच-पांच वार्ड आते हैं।
पिछले दिनों प्रभारी मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल मंडल की बैठक लेने पहुंचे, तो आपसी चर्चा में पार्टी के पदाधिकारियों ने उन्हें सुनाते हुए कह दिया कि हरेक मंडल में दस-दस सीआर खर्च करने होंगे। पार्टी सरकार में है, तो कार्यकर्ताओं को खर्च की चिंता नहीं करनी चाहिए।

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