रतनपुर नगर पालिका परिषद के वर्तमान जनप्रतिनिधियों की उदासीनता और निष्क्रियता के चलते 1 करोड़ 66 लाख रुपए का नगर पालिका कार्यालय भवन निरस्त,,
इसी टेंडर मामले में सीएमओ ,इंजीनियर, बाबू सहित तीन लोग निलंबित
रतनपुर से वासित अली की रिपोर्ट
रतनपुर,,,नगरपालिका नवीन भवन बनाने टेंडर में अनियमितता के मामले में पूर्व सीएमओ एचडी रात्रे,उप अभियंता वैभव ,क्लर्क अजित सिंह के नाम शामिल
रतनपुर नगरपालिका कार्यालय द्वारा नवीन भवन हेतु जारी टेंडर को नियमानुसार कार्यवाही ना करने व निविदा खोले जाने की कार्यवाही में अनियमितता बरते जाने के कारण निकाय में पदस्थ उप अभियंता वैभव अग्रवाल को निलंबित कर दिया गया,
गौरतलब है कि शासन से प्राप्त आदेश के अनुसार रतनपुर नगरपालिका के नवीन भवन बनाने बाबत बीते छह फरवरी 2024 को165,77 लाख रु का आन लाइन टेंडर जारी किया गया था,जिसमे नवीन कार्यालय भवन निर्माण हेतु आमंत्रित निविदा को खोले जाने की कार्यवाही में अनावश्यक विलम्ब करने,निविदा समिति से अनुशंसा प्राप्त नही करने,पुनर्निविदा की कार्यवाही में अनियमितता तथा सम्भावित आर्थिक क्षति के लिए उत्तरदायी पाए जाने के कारण राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ नगर पालिका कर्मचारी (भर्ती तथा सेवा शर्ते)नियम 1968 के नियम 53 के तहत उप अभियंता वैभव अग्रवाल को तत्काल प्रभाव से अपर सचिव छत्तीसगढ़ शासन द्वारा निलंबित कर दिया गया,
वही इसी मामले में ही रतनपुर के तत्कालीन सीएमओ रहे हरदयाल रात्रे तथा लोक निर्माण विभाग में प्रभारी क्लर्क रहे अजित सिंह को भी निलंबित कर उन्हें संयुक्त संचालक कार्यालय में भेज दिया गया है,
उपरोक्त सम्बन्ध में ज्वाइन डायरेक्टर राकेश जायसवाल ने बताया कि शासन से प्राप्त आदेश के तहत तीनो शासकीय सेवको को निलंबित कर बिलासपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में नियत किया गया है,
भ्रष्ट्राचार की लंबी लिस्ट है निकाय में
बीते कुछ वर्षों में पदस्थ रहे अधिकारियों के द्वारा करोड़ों रु के भ्रष्ट्राचार किये जाने की चर्चा नगर में हो रही है,फर्जी ढंग से लाईट सेट खरीदी, तालाबों में बंदरबांट कर नगर पालिका के राजस्व की हानि,
कुर्सी, पाइपलाइन खरीदी में घपलेबाजी,पूर्व पार्षदों के मद का दुरुपयोग,सहित अन्य घपलों की चर्चा नगर में जोरों पर है,
नगरी निकाय के संयुक्त संरचनालय की कार्यवाही से सीएमओ एचडी रात्रे, इंजीनियर वैभव अग्रवाल और बाबू अजीत सिंह ठाकुर को निलंबित कर दिया है विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर पालिका परिषद रतनपुर के नवीन कार्यालय के लिए एक करोड़ 66 लाख लगभग रुपए रतनपुर नगर पालिका को स्वीकृत हुए थे जिससे नगर पालिका परिषद के द्वारा टेंडर को स्वीकृति नहीं दी गई, स्वीकृति नहीं देने के पीछे क्या स्वार्थ था यह सवाल जनप्रतिनिधियों को कटघरे में खड़ा करता है? रतनपुर विकास की चिंता जनप्रतिनिधियों के साथ यहां के अधिकारियों को नहीं रहा स्थानीय निकाय पूरी तरीके से भ्रष्टाचार में लिप्त नजर आ रही है भ्रष्ट होने की वजह से आज भी कई लोगों के आवास का काम, राशन कार्ड, मूलभूत सुविधाएं पानी, बिजली इत्यादि से संबंधित लोग नगर पालिका के चक्कर काट रहे हैं और काम किसी का नहीं हो रहा है शासन के द्वारा दिए गए करोड़ों रुपए का काम नहीं कराया गया वही नगर पालिका परिसर पर कबाड़ वाहनों की कतार भी लगी हुई है जिसका सही मेंटेनेंस नहीं कर पाने के कारण कबाड़ में तब्दील होते जा रहे हैं स्वच्छता के लिए सुखा और गिला कचरा इकट्ठा करने के लिए डब्बे बांटने का काम पिछले कई सालों से नहीं किया गया स्वच्छता के नाम पर लोगों से पैसे वसूले गए डोर टू डोर कचरा कनेक्शन करने के लिए स्वच्छता दीदी रिक्शा लेकर तो जाती है लेकिन कलेक्शन करने के लिए डब्बे वितरण करने का काम अभी तक नहीं हो पाया, आखिर जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों के ऊपर कब तक कार्रवाई हो पाएगी यह तो अब आने वाला समय ही बताएगा तीन लोगों के ऊपर हुए कार्रवाई से नगर पालिका में कुछ सुधार आएगा या यूं ही चलता रहेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा