KHABAR CHALISA SPECIAL तिरछी नजर : सफल नक्सल आपरेशन के बाद राजनीतिक हलचल
बस्तर में 30 से अधिक नक्सली मारे जाने का इतिहास गढ़ने की घटना से किसका कद बढ़ेगा इसका विश्लेषण चल रहा है। बस्तर में काम करने वाले आईजी या बस्तर एसपी को, या नक्सल आपरेशन में लगे केन्द्रीय बलों को तो सराहा जा रहा है लेकिन राजनीतिक तौर पर सीएम विष्णु देव साय का कद जरूर बढ़ा है। साय आपरेशन के दौरान बीजापुर-दंतेवाड़ा प्रवास पर थे पुलिस अफसर उन्हें सीधे रिपोर्ट कर रहे थे फिर उन्होंने लौटने के रात को डीजीपी के साथ समीक्षा की।डिप्टी सीएम विजय शर्मा नजर नहीं आए,उनकी चुप्पी चर्चा में रही।दिल्ली में फिर मंगलवार को नक्सल आपरेशन को लेकर मीटिंग होने वाली है। नक्सल अभियान के चलते राजनीति में भाजपा को जबरदस्त फायदा हो सकता है क्योंकि इस इलाके के जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अच्छी खासी नाराजगी उभरने लगी है।
मंत्री के सहायक ने लिखा सरकार को चिट्ठी
प्रदेश के एक मंत्री के विशेष सहायक ने मंत्री स्टाफ में काम नहीं करने की इच्छा जाहिर करते हुए मूल विभाग में वापस भेजने का आग्रह पत्र राज्य सरकार को भेज दिया है। संभवत: अगले सप्ताह आदेश निकल जायेगा। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के साथ लंबा काम करने का अनुभव रखने वाले विशेष सहायक को प्रदेश के एक सीधे साधे माने जाने वाले मंत्री स्टाफ में समन्वय के साथ काम करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी परंतु विशेष सहायक ने पत्र लिख दिया कि मंत्री के विभाग के साथ समन्वय स्थापित नहीं हो पा रहा है। इसलिये काम करने में मजा नहीं आ रहा है। इसी तरह दो और मंत्रियों के निजी स्टाफ में फेरबदल होने की प्रक्रिया चल रही है।
कांग्रेस के पूर्व मंत्री भाजपा संगठन के संपर्क में..
कांग्रेस सरकार में प्रभावशाली रहे सरगुजा के एक मंत्री ने पिछले दिनों भाजपा संगठन के ताकतवर माने जाने वाले नेता को फोन लगाया। नेताजी दिल्ली प्रवास में व्यस्तता के चलते फोन नहीं उठा पाये। बाद में फोन लगाकर चर्चा की गयी। कांग्रेस के पूर्व मंत्री के भाजपा में आने की अटकलें ईडी जांच के दौरान चलती रहती है। पूर्व मंत्री के भाजपा में शामिल होने के इच्छुक बताए जाते हैं लेकिन स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते अटक गया है। दोनों की बीच क्या चर्चा हुई ये तो आने वाले समय में पता चलेगा लेकिन फिलहाल कांग्रेस के इस दिग्गज नेता का सक्रियता जरूर कम हो गयी है।
ओलंपिक संघ के खिलाड़ी
छत्तीसगढ़ सरकार और ओलंपिक संघ का चोली दामन रहा है। अजीत जोगी और विद्याचरण शुक्ल के बीच काफी उठापटक चला। डॉ.रमन सिंह के 15 साल के कार्यकाल में ओलंपिक संघ का विवाद छुटपुट चलता रहा। सीएम विष्णु देव साय के ओलंपिक संघ अध्यक्ष बनने के बाद फिर से विवाद का पृष्ठ भूमि तैयार होने लगी है। भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल कार्यकारी अध्यक्ष बनना चाहते हैं मुख्यमंत्री की सहमति से प्रस्ताव तैयार किया गया है। अब विधिवत आदेश कब तक निकलता है इस पर निगाह लगी है। छत्तीसगढ़ में 2026 को राष्ट्रीय खेल होगा। ऐसे में इस बार खेल संघ की भूमिका अहम हो गई है। लेकिन पदाधिकारियों को लेकर खेल संघों से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी की चर्चा वाट्सअप ग्रुप में चल रही है।
दीपक जला, अंधेरा छंटा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज की गिरौदपुरी से लेकर राजधानी तक की सफल पदयात्रा के बाद कांग्रेस के क्षत्रपों के कान खड़े हो गये हैं। जिस तरह की भीड़ जुटी कार्यकर्ताओं की सक्रियता रही उसकी चर्चा कांग्रेस के चारो गुटों में है। दीपक बैज के विकल्प में कुछ लोगों के नाम चल रहे थे उस पर विराम लग गया है । बड़े नेताओं के अपेक्षाकृत सहयोग नहीं मिलने के बावजूद भी सफलतम कार्यक्रम से कांग्रेस और दीपक बैज को संजीवनी मिल गयी है। दूसरे पदयात्रा की पटकथा लिखी जा रही है। कार्यकर्ताओं की भीड़ आने लगी है। पूरी यात्रा में सबसे ज्यादा और सबसे आगे चलने वाले मोहन मरकाम की सक्रियता भी चर्चा में है।
ऐसे बन गए पवन देव डीजी..
वरिष्ठ आईपीएस पवन देव को राज्य सरकार द्बारा पदोन्नत कर डीजीपी बनाए जाने के फैसले से लंबे समय से चल रहे विवाद का पटाक्षेप हो गया है। विरोधी अभी भी सक्रिय रहे, लेकिन इस बार अपनों ने मदद की। लंबे समय से प्रयासरत पवन देव को पदोन्नति दिलाने में उनके अधीनस्थ काम करने वाले दो अफसरों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कांकेर में पदस्थापना के दौरान अधीनस्थ रहे अफसरों ने इस बार मदद कर पुराना ऋण चुका दिया है। इसके खिलाफ भाजपा के एक नेता दिल्ली तक गुहार लगाने की तैयारी कर
रहे हैं।
नवा रायपुर में हलचल
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अंतत: रविवार को नया रायपुर के अपने निवास में पूजा-पाठ कर गृह प्रवेश कर लिया। अब बाकी मंत्रियों और अधिकारियों का नया रायपुर में जाने का सिलसिला तेज होने वाला है। नया रायपुर में कुछ और जरुरी सुविधाएं बढ़ाने की कोशिश तेज हो गयी है। कुछ दिग्गज दीवाली के पहले नये घर में प्रवेश कर सकते हैं और कुछ लोग दिवाली के बाद नया रायपुर जा सकते है। अगले दो माह में नया रायपुर में बसाहट बढ़ जायेगी।
नियुक्तियाँ किश्तों में
यह समाचार भाजपा नेताओं के लिए निराशाजनक हो सकता है, जो निगम-मंडलों में नियुक्ति की आस लगाए बैठे हैं। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने फैसला किया है कि कांग्रेस की तरह बड़े पैमाने पर एकसाथ नियुक्तियाँ नहीं की जाएंगी, बल्कि धीरे-धीरे और चरणबद्ध तरीके से नियुक्तियाँ होंगी। युवा आयोग में नियुक्ति के हफ़्ताभर बाद पिछड़ा वर्ग आयोग व महिला आयोग में नियुक्तियाँ की गईं। दरअसल, पार्टी नेतृत्व किश्तों में नियुक्तियाँ कर न सिर्फ़ फूँक-फूँक कर कदम रख रहा है, बल्कि इस फ़ैसले से सामने आ रही प्रतिक्रियाओं से भी अवगत हो रहा है। इन्हीं फीडबैक के आधार पर अगली नियुक्ति पर विचार होता है। पार्टी में इसका असर ये हो रहा है कि हर नियुक्ति के बाद कार्यकर्ताओं में जागी आस और तीव्र हो जाती है। हर दावेदार अपना परफ़ॉर्मेंस बेहतर दिखाने में जुट रहा है। संगठन को अनुशासित रखने की यह रणनीति कामयाब होती दिख रही है।