रायपुर वॉच

संयुक्त पत्रकार महासभा का हुआ आगाज, भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने दिया साथ।

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संयुक्त पत्रकार महासभा का हुआ आगाज, भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने दिया साथ।

रायपुर/ संयुक्त पत्रकार महासभा 2अक्टूबर को गांस मेमोरियल मैदान रायपुर में छत्तीसगढ़ के समस्त संगठन के पत्रकारों ने महासभा में शामिल होकर अपने अपने सभी दायित्वों को पूरा किया। सभी संघ के पत्रकार प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को ज्ञापन सौंपते हुए पत्रकार सुरक्षा, कल्याण और अधिकारों से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की। इस महासभा में पारित संकल्प पत्र में प्रमुख रूप से “पत्रकार सुरक्षा कानून”, “मीडिया आयोग की स्थापना” और “पत्रकारों के लिए आवास”, “वेतन” , “स्वास्थ्य एवं पेंशन सुविधाओं” जैसे मुद्दों पर विशेष जोर दिया गया। महासभा ने जनहित और लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए इन मुद्दों को बेहद आवश्यक बताया। पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग…पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए महासभा ने मीडियाकर्मी सुरक्षा कानून को संशोधित और लागू करने की मांग की गई।
बता दें कि वर्तमान समय में पत्रकारों को असामाजिक तत्वों, माफियाओं, और आपराधिक संगठनों से लगातार धमकियां मिलती रहती हैं। छत्तीसगढ़ में कई जगह पत्रकारों की हत्या की घटनाएं हुई हैं, जिससे पत्रकार समुदाय में भय का माहौल है। मीडिया आयोग की स्थापना….महासभा ने “मीडिया आयोग” के गठन की मांग की, जो पत्रकारिता के बदलते स्वरूप और चुनौतियों का अध्ययन कर उचित सिफारिशें प्रस्तुत कर सके।
बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ छ.ग.ने पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के लिए राज्य के प्रत्येक जिला मुख्यालय में ज्ञापन सौंपा है। सभी पत्रकारों के लिए कल्याणकारी योजनाएं….महासभा ने पत्रकारों के कल्याण हेतु कई मांगें रखीं, जिनमें पत्रकार कल्याण कोष, वेतन बोर्ड का गठन, और पत्रकारों को स्वास्थ्य सुरक्षा और पेंशन योजना का लाभ देने पर जोर दिया गया। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले पत्रकारों के लिए उचित वेतन देने की मांग की गई।बहरहाल संयुक्त पत्रकार महासभा ने राज्य सरकार से अपील की है कि पत्रकारों की सुरक्षा और कल्याण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। महासभा ने पत्रकारों को आवास, स्वास्थ्य, और पेंशन जैसी सुविधाओं को भी प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया है। महासभा के सभी प्रतिनिधियों ने ज्ञापन सौंपने के बाद स्पष्ट किया कि यदि इन मांगों पर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो पत्रकार समुदाय को अपने हितों की रक्षा के लिए बड़े आंदोलन की दिशा में कदम उठाना पड़ेगा।।

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