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अगले बरस तू जल्दी आ…आज इस शुभ मुहूर्त में करें बप्पा की विदाई, जानें गणेश विसर्जन का सही नियम

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गणेश चतुर्थी का पर्व भक्ति और उल्लास से मनाया जाता है. गणपति बप्पा के 10 दिनों तक घर में पूजा अर्चना करने के बाद, अंतिम दिन उनकी विदाई का समय होता है, जिसे गणेश विसर्जन कहते हैं. हिन्दू धर्म में गणेश विसर्जन का बहुत धार्मिक महत्व माना जाता है.

अनंत चतुर्दशी पर बप्पा की मूर्ति विसर्जन का शुभ मुहूर्त द्रिक पंचांग के अनुसार, पहला मुहूर्त सुबह 9 बजकर 10 मिनट से दोपहर 1 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. मान्यता है कि इस शुभ मुहूर्त में गजानन की मूर्ति विसर्जन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी.

गणेश विसर्जन का महत्व

गणेश विसर्जन की परंपरा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो गणेश चतुर्थी के दस दिवसीय उत्सव के समापन पर किया जाता है. यह सिर्फ एक रस्म नहीं है, बल्कि इसका गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है. दस दिनों तक घर में विराजमान गणपति बप्पा की पूजा अर्चना के बाद भक्त भावुकता के साथ गणपति बप्पा को विदा करते हैं. मान्यता है कि गणपति बप्पा अपने भक्तों के घर आकर दस दिन तक निवास करते हैं और फिर विदा हो जाते हैं. विसर्जन के माध्यम से उन्हें विदा किया जाता है. गणेश विसर्जन के दौरान लोग एक साथ आते हैं और सामाजिक बंधन मजबूत होते हैं. इसलिए इस त्योहार को प्यार और खुशहाली का प्रतीक माना जाता

अगले वर्ष के लिए आशीर्वाद

विसर्जन के समय गणपति बप्पा से अगले वर्ष फिर से आने का और आशीर्वाद मांगा जाता है. इसलिए विसर्जन से पहले गणपति बप्पा के दर्शन कर उनसे आशीर्वाद की कामना जरूर करें.

गणेश विसर्जन के दौरान करें इन मंत्रों का जाप

“ॐ गण गणपतये नमः”

यह सबसे सामान्य और सरल मंत्र है जो गणेश जी को समर्पित है. यह मंत्र जीवन की बाधाओं को दूर करता है. और इसका जाप करने से मन को शांति मिलती है.

॥ ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥

इस मंत्र के जाप से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं

शुभ मुहूर्त में करें पूजा

गणेश विसर्जन का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है. पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त में ही विसर्जन किया जाना चाहिए. क्योंकि शुभ मुहूर्त में की गई पूजा से ही शुभ फल की प्राप्ति होती है.

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