पूरे प्रदेश में खुला जानवर बड़ी समस्या बन गये है
छुट्टा जानवर को लेकर 16 को पाटन एसडीएम कार्यालय में छोड़ा जायेगा
सौरभ पाण्डेय / रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि पाटन विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेसजनों की बैठक थी जहां सभी साथियों ने चिंता व्यक्त की कि जो छुट्टा जानवर है उससे लोग परेशान है। क्योंकि रोपाई हो चुका है किसान परेशान है अपने फसल बचाने के लिये। और फसल बचाने के लिये किसान एक गांव से छुट्टा जानवर को दूसरे गांव, तीसरे गांव ले जाते है। ऐसे करीब-करीब अधिकांश गांव की स्थिति है। पाटन विधानसभा के कार्यकर्ताओं ने फैसला किया है कि एसडीएम को नोटिस दिया जाये। 15 अगस्त तक के जो छुट्टे जानवर है उसकी व्यवस्था कर ले, नहीं तो 16 अगस्त को पूरे क्षेत्र में छुट्टा जानवर पाटन एसडीएम के कार्यालय के सामने लाकर जंगी प्रदर्शन किया जायेगा। खुला मवेशी ये बड़ी समस्या है इसके निदान के लिये जब हम लोग सरकार में थे तो गोठान का निर्माण किया था। इसका मुख्य उद्देश्य फसल को बचाना और दूसरा गौवंश को बचाना और उसकी सेवा करना, दो उद्देश्य थे इसको लेकर गौठान की शुरूआत हुई थी, लगभग 10 हजार गौठान बनाये थे जिसमें 7 हजार गौठान स्वावलंबी हो चुके थे। लेकिन जो वर्तमान सरकार है उन्होने बिना सोचे गोठान संचालन बंद कर दिया। जो गोबर विक्रय किये थे उसका भुगतान नहीं हुआ है। जो वर्मी कमोस्ट बना है उसका भी भुगतान नहीं हुआ है। उन्होने गोठानों के जांच की घोषणा कर दी यह घोषणा विधानसभा के बजट सत्र में की गयी थी। जांच केवल फाइलो में है और न ही जांच हो रही है। आप लोगों ने कभी नहीं सुना होगा कि किसी गोठान में जाकर अधिकारी या जांच टीम जांच कर रही है। जांच बंद कर दिया गया है कि अब स्थिति यह है कि एक तरफ किसान फसल बचाने के लिये मजबूर है तो दूसरी तरफ छुट्टे जानवर है वो सड़को पर दिखाई दे रहे है। रोज एक्सीडेंट हो रहा है राष्ट्रीय मार्ग में हो रहा है, प्रदेश के मार्ग में हो रहा है, गांव में हो रहा है। किसी भी गांव जायेंगे तो 50-60 जानवर बैठे मिलेंगे। एक तरफ फसल बचाना और दूसरी तरफ रोड एक्सीडेंट से जान माल दोनों की नुकसान हो रहा है। इस मामले में उच्च न्यायालय ने संज्ञान में लिया है और सीएस को बुलाया भी था, इसकी जानकारी नहीं है क्या हुआ था? ऐसे में जब व्यवस्था है पिछले विधानसभा सत्र में मैं कहा भी था कि नई व्यवस्था थी हम लोगों ने भरपूर कोशिश की इसमें स्वयं संचालित हो सके, गोठान समितियां भी बनाई थी उसको भी हम लोग मानदेय दे रहे थे लेकिन ये सरकार एक झटके में बंद कर दिया। मैंने विष्णु देव साय जी से भी कहा था कि आपके पास कोई नई योजना हो उसे लागू करे, क्योंकि ये किसानों से जुड़ा हुआ मामला है, गौण से जुड़ा हुआ मामला है, लोगों की जानमाल से जुड़ा हुआ मामला है एक झटके में बंद मत करिये। आपको संकोच नहीं करना चाहिये, आप जांच के नाम से बंद कर दिये है ये गलत बात है। इसमें कुछ नया जोड़ना चाहते है तो जोड़िये जमीन आरक्षित होगी तो डेढ़ लाख एकड़ जमीन पूरे प्रदेश में करीब हर गांव में हर पंचायतों में आरक्षित हो गया। ये जमीन आरक्षित हो गया स्ट्रक्चर खड़ा हो गया इसका उपयोग होना चाहिये। कुछ नया करना चाहते करिये इसे बंद मत करिये। आज स्थिति ये है सरकार की हठधर्मिता से एक तो फसल बचाना मुश्किल हो गया है एक तो किसान आपस में झगड़ा शुरू करेंगे और दूसरा और सड़कों पर दुर्घटनायें बढ़ी है और तीसरा पशु है। तस्कर पशु को ट्रकों में भरकर बार्डर में ले जा रहे है बेच रहे है बहुत धड़ल्ले से काम हो रहा है। अभी सुना है जशपुर जिले में कुछ गाड़ियां पकड़ी गयी है। लेकिन आपको याद होगा जब हम गोठान शुरू किये थे उस समय तस्करी की बात सुनाई नहीं दी थी। आज जो तस्करी हो रही है उसके पीछे गोठान बंद होना है। सबसे बड़ी बात यह है कि मेरे क्षेत्र में कार्यकर्ता भी है, किसान भी है सब परेशान है व्यवस्था बदलने से। अब बरसात के फसल और रवी फसल बचाने में मुश्किल हो रही है। ऐसे में बड़ा फैसला हमारे साथियों ने लिया है 16 अगस्त को पाटन में छुट्टे जो जानवर है उनके साथ जंगी प्रदर्शन होगा। सरकार से आग्रह करूंगा कि ये स्थिति सभी जगह है। रायपुर, दुर्ग, नगरीय क्षेत्र में सुन रहे है। रायपुर नगर निगम में गंदगी फैल रही है गोबर यहां-वहां फैली है। पहले गोबर दिखाई नहीं देता था, बहुत सारे डेलीगेशन आये थे गुजरात के आये थे, लोकसभा के आये थे हम तीन दिन से रायपुर घूम रहे है गोबर के टुकड़ा कहीं नहीं देखने को मिला। झुंड सड़कों में बैठे आपको जानवर मिलेंगे उसके कारण से दुर्घटनायें भी हो रही है तो ये स्थिति है। पाटन विधानसभा के कार्यकर्ताओं ने ये फैसला लिया है उसकी जानकारी आपके माध्यम से दे रहा हूं।
पाटन के आंदोलन को पूरे प्रदेश में विस्तार के सवाल पर उन्होंने कहा कि आंदोलन हर जगह हो सकता है गांव में, चाहे ब्लॉक स्तर पर हो, नगरीय क्षेत्र में भी ये समस्या है। ये समस्या गांव में है तो फसल बचाने की समस्या, शहर में दुर्घटना और गंदगी की समस्या है। समस्या तो सब जगह है निदान कही भी दिखाई नहीं दे रहा। अब बोलते है कि गौ अभ्यारण्य बनायेंगे कही पर दिखाई नहीं दे रहा है। गौ अभ्यारण्य बनते दिखना चाहिये, कहीं कुछ करते दिखना चाहिये कुछ भी नहीं, रोका-छेका भी नहीं किये। कोटवार के माध्यम से रोका-छेका करवा देते वो भी नहीं किया। गौठान भी बंद कर दिया। आवारा पशु, छुट्टा जानवर से सब परेशान है।
छत्तीसगढ़ के 14 जिलों को नक्सल प्रभावित घोषित करने पर उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की भौगोलिक परिस्थिति है वो नक्सलियों के मुफित है उसके अनुकूल है। बस्तर का क्षेत्र मोहला-मानपुर, कांकेर या फिर कवर्धा, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद ये जो क्षेत्र उनके छुपने के लिये भी और उनके आने जाने के लिये भी अनुकूल है, घने जंगल है, पहाड़ है और उड़िसा से, तेलंगाना से, आंध्रप्रदेश से, महाराष्ट्र से, मध्यप्रदेश से जुड़ा हुआ क्षेत्र है। यहां कोई घटना होती है तो वहां भाग जाते है वहां घटना होती है यहां आ जाते है। बलरामपुर जिले में घटना हुई है उसको शामिल नहीं किया है। या उसमें चूक हुई है या जानबूझकर शामिल नहीं किये है। फंड डाइवर्ट करने के लिये उत्तर प्रदेश को शामिल किया होगा।
यात्री ट्रेनें बंद के संबंध में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यहां कौन से रेलवे ट्रैक में काम हो रहा है। कोई काम नहीं हो रहा है केवल उनको कोयला ढुलाना है। इसलिये सारे यात्री ट्रेनें बंद किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री के पत्नी के द्वारा खुद को सुपर सीएम बताने पर उन्होंने कहा कि अभी तक हम खोज रहे थे कि सरकार कौन चला रहा है? सरकार में चलती किसकी चलती है? विष्णु देव की चलती है, ओपी चौधरी की चलती है, या तो उपमुख्यमंत्री, या संगठन में जो पवन साय, हिमाचल प्रदेश या बिहार से आते है उनकी चलती है लेकिन अब पता चला कि सुपर सीएम कौन है। भौजी हमारी सुपर सीएम।