
बिलासपुर| महिला नायब तहसीलदार द्वारा सरेआम धमकी दिए जाने के बाद सेंट्रल लाइब्रेरी फीस वृद्धि मामले में नया मोड़ सामने आया है । गौरतलब है कि बिलासपुर के सरकंडा क्षेत्र में स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी में फीस वृद्धि को लेकर सोमवार की शाम से छात्रों द्वारा प्रोटेस्ट किया जा रहा था, इसी दौरान एक महिला नायब तहसीलदार नेहा विश्वकर्मा सूचना मिलने पर यहां पहुंचीं और छात्रों को धमकाते हुए मीडिया कर्मी के द्वारा बनाए जा रहे वीडियो में विरोध बंद नहीं करने पर उंगली टेढ़ी करना पड़ेगा ऐसी धमकी वाले शब्दों का उपयोग करते हुए नजर आयी।
दरअसल ये पूरा मामला बिलासपुर सरकंडा स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी में फीस वृद्धि को लेकर है जिसका विरोध करने छात्रों ने धरना प्रदर्शन किया। छात्रों द्वारा आरोप लगाया गया है कि धरना प्रदर्शन को लेकर सरकारी अधिकारियों द्वारा उन्हें धमकाया जा रहा है और यही नहीं करियर खत्म करने की बात तक कहीं जा रही है। पहले तो महिला अधिकारी ने उंगली टेढ़ी करने की बात कही उसके पश्चात मीडिया कर्मी द्वारा पूछने पर उन्होंने साफ कहा कि मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है जिसमें अधिकारी पूरी तरह निरंकुश नजर आ रहे हैं।वही सेंट्रल लाइब्रेरी में इस घटना के दौरान कुछ भाजपा के (युवा मोर्चा) और एबीवीपी के नेता दिखे जो मांडवली ( समझौता) करवाने के चक्कर में लगे रहे और अधिकारियों का बचाव करते नजर आए। माहौल इस तरह गर्म हो गया था कि नेताओं को बीच में आकर हस्तक्षेप करना पड़ा।
वही एडिशनल कमिश्नर नगर निगम बिलासपुर द्वारा मीडिया कर्मियों को बताया गया की सेंट्रल लाईब्रेरी का 50 लाख का बिजली का भुगतान बकाया है और उन्होंने प्राइवेट लाइब्रेरी का भी हवाला दिया कि वहां दोगुनी फीस वसूली जा रही है। ऐसा लग रहा है की 50 लाख बिजली बिल की बकाया राशि वसूलने के चक्कर में कहीं फीस वृद्धि तो नहीं की जा रही है। छात्रों ने यह भी बताया कि पहले फीस 1100 की गई थी छात्रों द्वारा प्रोटेस्ट करने के बाद यह 700 की गई पर एडिशनल कमिश्नर ने इससे साफ इनकार किया है। वही एक छात्र ने बताया कि उन्हें धमकाया गया है कि उसके खिलाफ FIR करके उनका कैरियर चौपट किया जाएगा। छात्र ने कहा यदि ऐसा हुआ तो वह आत्मदाह करेगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी महिला अधिकारी की होगी।
संभव है कि भविष्य में छात्र अधिकारियों द्वारा धमकाये जाने पर यह प्रोटेस्ट खत्म भी कर दे, पर गंभीरतापूर्वक सोचने वाली बात यह हैं कि क्या प्रशासन के बेलगाम अधिकारी अब किसी समस्या को हल करने की बजाय इसके लिए उंगली टेढ़ी करना पड़ेगा जैसी धमकी देने का नया ट्रेंड शुरू करेंगे ? बहरहाल छत्तीसगढ वॉच के पास इस महिला अधिकारी का धमकी देने वाला वीडियो है जिसे जनहित में प्रसारित किया जा रहा है।अब देखने वाली बात यह होगी कि समाचार प्रसारित होने के बाद जिला प्रशासन इस बेलगाम महिला अधिकारी पर किस तरह की कार्रवाई करता है? आखिरकार मामला सैकड़ो छात्र-छात्राओं के भविष्य से जुड़ा हुआ जो है। पूरे मामले में छात्र-छात्राओं के विरोध प्रदर्शन के बाद आखिरकार निगम प्रशासन को बेतहाशा फीस वृद्धि के इस तुगलकी फरमान को वापस लेते हुए यथा स्थिति बनाए रखते हुए ₹500 फीस लेने का आदेश जारी करना पड़ा है।