जर्जर शौचालय और किचन सेड में हो रहा स्कूल का संचालन मौत के साए तले बच्चे पढाई करने मजबूर
छोटे बच्चे जान जोखिम में डाल नदी पार कर पहुंच रहे स्कूल
लंबे समय से स्कूल भवन की मांग
जानिसार अख्तर।सरगुजा जिले से एक ऐसी तस्वीर निकलकर सामने आ रही है इसे देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे जहां शिक्षा व्यवस्था को सुधारने कई दावे और प्रयास किया जा रहे हैं लेकिन आज भी यह प्रयास अधूरे हैं क्योंकि यहां एक स्कूल जर्जर शौचालय और किचन सेड में संचालित हो रहा है। सुनने में आश्चर्य तो लग रहा है लेकिन यह तस्वीर शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही हैं तो अंदाज लगाया जा सकता है कि ऐसे में मासूम बच्चे जर्जर शौचालय और किचन सेड में अपना भविष्य गढ़ रहे हैं। दरसल सरगुजा जिले के सरकारी स्कूलों की दशा अत्यंत चिंताजनक है। शिक्षकों की कमी, अव्यवस्थाओं और जर्जर भवनों में बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर हैं। जिले के अधिकारी वातानुकूलित कार्यालयों में बैठकर गुणवत्ता युक्त शिक्षा का दम भरते नजर आते हैं। जबकि धरातल में गुणवत्तायुक्त शिक्षा व्यवस्था की पोल खुलते नजर आ रही है। कुछ ऐसा ही मामला जिले के लखनपुर विकासखंड के तुनगुरी अहीर पारा में देखने को मिला।जहां जर्जर शौचालय और किचन सेड में अव्यवस्थाओं के बीच स्कूल का संचालन किया जा रहा है। और जान जोखिम में डाल बच्चे नदी पार कर जर्जर शौचालय और कीचन सेड में पढ़ाई करने को मजबूर है। ग्रामीणों के द्वारा कई बार शासन प्रशासन से स्कूल भवन निर्माण कराया जाने की मांग की गई है। परंतु आज तक भवन का निर्माण नहीं हो सका। शिक्षा सत्र 2024 – 25 में लखनपुर विकासखंड के ग्राम तुनगुरि अहीरपारा प्राथमिक शाला का भवन नहीं होने से लगभग सवा महीने से प्राथमिक शाला के जर्जर शौचालय और किचन सेड में स्कूल का संचालन किया जा रहा है। इस प्राथमिक शाला में लगभग 22 बच्चे अध्यनरत है। जहां तीन शिक्षक पदस्थ है। जर्जर शौचालय को कार्यालय बनाया गया वहीं जर्जर छोटे से किचन सेड में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।सवा महीने से बच्चे मौत के साए तले नदी पार कर जर्जर शौचालय और किचन सेड में पढ़ाई करने को मजबूर है। तुनगुरी अहिरपारा प्राथमिक शाला में बच्चों के लिए न तो बैठने की व्यवस्था, न पानी न ही शौचलय की व्यवस्था है। अव्यवस्थाओं के बीच बीच स्कूल का संचालन हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के मासूम बच्चे जर्जर शौचालय और किचन सेड में अपना भविष्य गढ़ रहे हैं। आखिरकार जिले के जिम्मेदार अधिकारी इससे बेखबर है।
“”””शिक्षक मनबोध राम पण्डो “”
तुनगुरी अहीरपारा प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक मनबोध राम पण्डो ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में स्कूल का संचालन निजी मकान में किया जा रहा था। किसी कारणवश प्रधान पाठक छत्रपाल के कहने पर स्कूल का संचालन चबूतरा में किया जा रहा था। बारिश का मौसम होने के कारण जर्जर शौचालय और किचन सेड में स्कूल का संचालन किया जा रहा है। भवन के अभाव में बच्चों को पढ़ाई कराने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। भवन को लेकर संकुल समन्वयक और खंड शिक्षा कार्यालय में मांग किया गया है।
“”””ग्रामीण राजू यादव, गोवर्धन यादव ने कहा बच्चो के पढ़ाई में होती है परेशानी “””””
ग्रामीण राजू यादव और गोवर्धन यादव ने बताया कि स्कूल भवन जर्जर होने से भवन को 1 वर्ष पुर्व डिस्मेंटल कर दिया गया था। पिछले 1 वर्ष से स्कूल भवन की मांग की जा रही है परंतु आज तक भवन का निर्माण नहीं हो सका। बच्चों को पढ़ाई करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शासन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।बच्चे जर्जर शौचालय और किचन सेड जिसमे पानी टपक रहा फर्श गिला रहता है। उसी में बैठकर बच्चे पढाई कर रहे हैं। कभी भी कोई हादसा हो सकता है। अगर भवन का निर्माण नहीं होता है तो बच्चों को पढ़ाई के लिए नहीं भेजेंगे।