प्रतापपुर

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में मिल रहा नकली खाद, किसान खून के आंसु रोने को मजबूर

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आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में मिल रहा नकली खाद, किसान खून के आंसु रोने को मजबूर

शासन प्रशासन नहीं दे रही ध्यान, सरकार के प्रति किसानों में आक्रोश

शहादत हुसैन की रिपोर्ट

क्षेत्र के आन्नदाता किसान इन दिनों खून के आंसू रोने पर मजबूर हो गए हैं जहां शासन प्रशासन कृषि विभाग की अधिकारियों की मिलीभगत से नकली खाद डीएपी से लेकर यूरिया सहित उर्वरक खाद क्षेत्र में धड़ले से बिक्री की जा रही है वही अनाप-शनाप दर पर दुकानों में बिक्री की वजह से ग्रामीण किसान सरकार पर उंगली उठाते हुए खाद की डुप्लीकेटिंग सहित कार्यवाही नहीं होने पर हजारों किसान खून के आंसू रो रहे हैं। तथा नकली खाद को अपने खेतों में छिड़क कर फसल तक चौपट हो गई। जिसकी शिकायत क्षेत्र वासियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर की है।

अब तो मामला और भी चौंका देने वाला सामने आ रहा है।क्षेत्र से कई शिकायत प्राप्त होने के बाद भी शासन प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा जिससे किसानों में आक्रोश है।

इसका जीता जागता सबूत ग्रामीण क्षेत्र के किसान अशोक कुमार जायसवाल पिता विक्रम प्रसाद जायसवाल ग्राम पंचायत मसगा सहित अन्य ग्रामीणों ने खुलकर सामने आकर शिकायत किया है। जहां शासन प्रशासन सहित जिले के कलेक्टर रोहित व्यास के नाम ज्ञापन सौंपकर एसडीएम ललिता भगत को बताए कि आदिवासी सेवा सहकारी समिति टुकुदाढ़ व रेवटी में अमानक व डुप्लीकेट खाद किसानों को ऋण में वितरण किया जा रहा है। जहां समिति प्रबंधक टुकुदाढ़ में केसीसी लोन से खाद डीएपी एवं यूरिया परमिट कटवा कर सैकड़ो की संख्या में क्षेत्र के ग्रामीण किसान ले रहे हैं तथा खाद लेने के बाद मक्का एवं धान के फसल में खाद डालने के बाद आज हफ्ता बीत जाने के बाद भी किसी प्रकार की कोई खेत में असर नहीं हुआ बल्के खाद बारिश के दिनों में भी नही गले जो खेतो में जश की तश है। डीएपी खाद एवं यूरिया पानी में नहीं कर गल रहा है जबकि क्षेत्र में अत्यधिक बरसात होने के बाद भी जस की तस स्थिति में खाद पड़ी हुई है। जिससे फसलों की पैदावारी में नकली खाद होने के कारण पौधे विकसित नहीं हुए।

समिति प्रभारी से शिकायत करने के बाद भी उसके द्वारा जवाब में टाल मटोल किया जा रहा कहा गया कि ऊपर से जो आया है उसे ही वितरण किया गया है हम नहीं जानते कि कहां से क्या खाद आया है सरकार ने जो भेजा है वही बाट रहे है।

पैसे के लालच में हो रही है हेरा फेरी

कुछ लोगों ने बताया कि डुप्लीकेट खाद होने के कारण किसानों ने समिति प्रबंधन के खिलाफ हल्ला मचाया था तब कुछ किसानों को दूसरा खाद बदले में दिया गया है और चुप रहने को भी बोला गया तथा समिति प्रबंधन के द्वारा दिया गया खाद के वजह से कई गरीब किसानों का फसल खराब होते नजर आ रहा है तथा दुकानों से उधार लेकर दोबारा खाद डाला जा रहा है जिससे ग्रामीण क्षेत्र के किसानों की आर्थिक स्थिति पर दुगना बोझ पड़ रहा है।

बताया जा रहा है कि समिति प्रबंधक एवं कुछ दुकानदारों के साथ गांठ की वजह से खाद को बदल दिया गया है। क्षेत्र में नकली खाद की तस्करी धड़ले से हो रही है जहां उत्तर प्रदेश और बिहार से नकली खाद को ₹400 के दर से लिया जाता है ओरिजिनल खादो में मिक्सिंग कर दिया जा रहा है तथा कुछ समिति प्रबंधन पैसा के लालच में नकली खाद का हेरा फेरी कर रहे हैं सूत्रों की माने तो यह कोई पहला मामला नहीं है इस तरह की कई मामला सामने आने पर मोटी रकम की लेनदेन कर मामला को रफा दफा कर दिया जाता है। तथा ग्रामीण किसान जहां उक्त खाद को लोन पर लेते हैं उसके बावजूद भी सही तरीके का खाद नहीं वितरण होने से शासन प्रशासन के खिलाफ तथा कृषि विभाग के खिलाफ लोगों में भारी आक्रोश है।

*जांच के नाम से होती है खानापूर्ति*

यह मामला सामने आने के बाद में जिला प्रशासन जांच में लेट लतीफी करते हैं वहीं छिड़क गए खाद बीज का सैंपलिंग कर उक्त खाद की स्थिति को मोटा रकम लेनदेन कर मामला को रखा दफा कर दिया जाता है। तथा किसानों को भी दूसरा खाद्य देकर जांच के नाम से गुमराह किया जाता है।
इसी प्रकार से कई ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानों सहित ग्रामीण क्षेत्र के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति सहित कृषि केंद्र में धड़ल्ले से नकली खाद मिलने की शिकायत आ रही है।

इनका कहना है

इस विषय में कृषि विस्तार अधिकारी शिव शंकर यादव ने कहा कि खाद की सैंपलिंग का तत्काल छापामार की कार्यवाही की जाएगी। सभी ग्रामीण किसानों से मिलकर इस विषय में नकली खाद होने पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने के अनुसंसा की जाएगी।

एसडीएम ललिता भगत ने कहा की उच्च अधिकारियों को अवगत कराते हुए किसानों के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी अगर समिति प्रबंधक के द्वारा ऐसा किया गया होगा तो तत्काल कार्रवाई होगी।

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