बिलासपुर वॉच

श्री शनि जयंती पर मंदिरों में हुई विशेष पूजा अर्चना

Share this

श्री शनि जयंती पर मंदिरों में हुई विशेष पूजा अर्चना

– सुरेश सिंह बैस
बिलासपुर। ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर न्याय के देवता शनि देव की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर अंचल के सभी शनि मंदिरों में सुबह से लेकर रात तक उपासकों की भीड़ लगी रही। शशि राजयोग, सर्वार्थ सिद्धि योग के बीच शनि जयंती मनाई गई। ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को क्रूर ग्रह माना जाता है लेकिन इसी के साथ वे न्याय के देवता और कर्म के फल दाता भी हैं, इसलिए मान्यता है कि शनि जयंती पर शनि देव की पूजा अर्चना और तेल अभिषेक करने से जातक के सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होता है, साथ ही नौकरी में तरक्की, बंद भाग्य के द्वारा भी खुल जाते हैं। सूर्य देव के सबसे बड़े पुत्र शनि देव, छाया पुत्र हैं, लेकिन उनके पिता सूर्य देव के साथ संबंध शत्रुतापूर्ण हैं। महाबली रावण ने उन्हें लंका में कैद कर लिया था, जहां लंका दहन के समय हनुमान जी ने उन्हें कैद से मुक्त करा दिया था। कैद में रहने के कारण उनके पूरे शरीर में पीड़ा हो रही थी। सरसों के तेल से की गई मालिश से उनकी पीड़ा कम हुई, इसीलिए भक्त शनिदेव और शनि शिलाओं पर तेल अर्पित करते हैं। साथ ही उन्हें काले और नीले रंग की वस्तु अत्यंत प्रिय है। शनि जयंती पर शनि मंदिर में चढ़े भक्तों ने शनिदेव को तिल, उड़द, नीले फूल, चना लोहा, काले वस्त्र आदि अर्पित करते हुए उनका तेल अभिषेक किया। साथ ही दीपदान और आरती भी की गई। इस अवसर पर कई स्थानों पर भंडारे का भी आयोजन किया गया। राजकिशोर नगर स्थित शनि धाम में एक भक्त ने एक किलो चांदी का छत्र प्रदान किया। यहां होने वाले विशेष पूजा में पचास से अधिक यजमान सम्मिलित हुए।नगर में अलग-अलग स्थान पर मौजूद शनि मंदिर में दिनभर भक्तों की कतार लगी रही। हरदेव लाल मंदिर, तिफरा काली मंदिर, कुदुदंड काली मंदिर, भैरव बाबा मंदिर पुराना, बस स्टैंडिंग हनुमान मंदिर, सिम्स काली मंदिर आदि स्थानों पर भक्तों ने शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा अर्चना की।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *