मवेशी और गांजा तस्करी करने वाला अंतर राज्यीय गिरोह को पुलिस ने पकड़ा
गिरोह द्वारा पुलिस पर भी हमले का प्रयास
– सुरेश सिंह बैस
बिलासपुर। पुलिस ने अत्याधुनिक हथियारों से लैस एक ऐसे संगठित गिरोह को पकड़ा है, जिसने कार्यवाही के दौरान पुलिस पर भी हमले का प्रयास किया। नगर कभी शांति का टापू माना जाता था, लेकिन अब यहां स्थानीय ही नहीं बल्कि बाहरी गिरोह भी सक्रिय है। ऐसे ही एक हथियारबंद अंतर राज्यीय गांजा और मवेशी तस्कर गिरोह ग्रुप को पकड़ने में पुलिस को कामयाबी मिली है। हिरीं पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि बिलासपुर रतनपुर बाईपास हाईवे के ग्राम बेलमुंडी के पास बने यार्ड नुमा जगह में आठ से दस खतरनाक अपराधी हथियारों के साथ किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है। सूचना के बाद स्थानीय पुलिस और एसीसीयू के अधिकारियों ने चार टीम बनाई और कार्रवाई के लिए रवाना हुए।जब उस यार्ड की घेराबंदी की गई तो वहां मौजूद अपराधियों ने लोडेड पिस्तौल, देसी कट्टा और धारदार हथियारों को प्रदर्शित करते हुए पुलिस टीम को गोली मार देने की धमकी दी। लेकिन पुलिस टीम ने बहादुरी और जाबाजी दिखाते हुए दस तस्करों को घेराबंदी कर पकड़ा। तलाशी में उनके पास एक लोडेड पिस्तौल, दो लोडेड देशी कट्टा, 13 जिंदा राउंड, एक खाली खोखा, दो मैगजीन और एक धारदार चापड़ बरामद हुआ, तो वही उनकी निशानदेही पर उनकी क्रेटा कार से 21 किलो गांजा भी जप्त किया गया। पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह मवेशी और गांजा तस्करी का काम करता था। इन लोगों द्वारा हाल ही में बड़े पैमाने पर इस क्षेत्र से मवेशी की तस्करी की गई है। इसके लिए वे ट्रकों का इस्तेमाल करते थे, जिसमें से दो ट्रक भी पुलिस ने जप्त किए हैं।
जांच में यह भी पता चला कि पकड़े गए आरोपियों की छत्तीसगढ़ और अन्य प्रान्तों में मवेशी तस्करी के अलावा डकैती, हत्या, हत्या के प्रयास, गैंगस्टर एक्ट और अन्य संगीन मामलों में तलाश थी।पुलिस ने गिरोह के दस शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मसानगंज निवासी इमरान कुरेशी, हिरीं निवासी जब्बार गौरी, विनोद कुमार धृतलहरे, बेलमुंडी निवासी तरसेम लाल भगत, कानपुर निवासी अजमेरी, बेलमुंडी निवासी मोहम्मद फरमान, सहारनपुर निवासी वाजिद कुरैशी, बेलमुंडी निवासी शाकिब कुरैशी, बेलमुंडी निवासी दानिश कुरेशी और सहारनपुर निवासी नवील खान शामिल है। इनके पास जिस तरह के आधुनिक हथियार मिले हैं और गिरोह ने जिस तरह से पुलिस को देखने के बाद उन पर हमले की चेतावनी दी, उससे ही समझा जा सकता है कि किस तरह का संगठित गिरोह क्षेत्र में सक्रिय था। यह किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।