अक्षय तृतीया पर्व के अवसर पर अंचलो मे पितरो को अक्ती पानी देकर भोज का आयोजन
पुलस्त शर्मा मैनपुर – छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति में तीज त्योहार व मनुष्य के जन्म से मृत्यु तक जहां अनेक संसार वही लोक पर्व और त्योहार लोक अनुष्ठानों के द्वारा लोग अपने जीवन में पारंपरिक तीज त्यौहारो धूमधाम के साथ मनाते हैं। संपूर्ण छत्तीसगढ़ में जहां एक ओर अक्ति के दिन पुतरा पुतरी का विवाह मनाया जाता है तो वहीं अक्ती पर्व के दिन अल सुबह कृषि कार्य की शुरुआत कलश में जल और चना दाल ठाकुर देव को अर्पित करने के साथ ही होती हैं और विशेष रूप से कृषि संस्कृति के पहले त्यौहार के रूप में ठाकुर देव जांत्रा मे जो धान का बीज अर्पित किया जाता है उसे अक्ति के दिन खेतो मे बोआई कर कृषि कार्य का शुभारंभ किया जाता है अक्ती पर्व को देखते हुए किसान वर्ग के लोग तड़के शुभ मुहूर्त पर अपने धान की कोठी से बीज निकालकर माटी महतारी की पूजा अर्चना करते बोनी की शुरूआत किया व खुशहाली, उन्नति की कामना की गई। वहीं अक्ति पर्व पर मैनपुर सहित आसपास के अचंलो मे प्रमुख नदी, तालाबो में लोगो द्वारा भगवान से मनोकामना मांगते अपने अपने पितरो की मोक्ष गति के लिये अक्ती पानी देकर उन्हे अक्ति मिलाया गया इस दौरान घरो घर से लोग अपने पितरो को जल अर्पण करने के लिए परसा पान के दोने मे चावल दाल पूजन सामग्री लेकर तालाबो मे पहुंचे एवं विधिवत पितरो को याद करते हुए पितृ स्वरूप वृक्षो मे पूजा अर्चना पितरो के मोक्ष की कामना की गई।