नई दिल्ली। देश के कई हिस्सों में पिछले कुछ समय से लगातार मम्प्स वायरस (Mumps Virus) के मामले में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) समेत आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल जैसे कई राज्यों में बीते कुछ महीनों से मम्प्स वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सरकारी डेटा के अनुसार, इस साल की मार्च 2024 तक मामलों की गणना 15,637 तक पहुंच गई है।
मम्प्स एक वायरल बीमारी है, जो एक ऐसी वायरल इंफेक्शन है जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक यह बीमारी बच्चों के लिए काफी ज्यादा खतरनाक है। इसके शुरुआती लक्षण बिल्कुल फ्लू की तरह होते हैं जैसे- मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, सलाइवरी ग्लैंड्स में दर्द। अगर किसी व्यक्ति को यह इंफेक्शन है और अगर उसने किसी भी व्यक्ति के सामने छींक दिया तो उसे भी यह बीमारी हो जाएगी।
बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर रहा मम्प्स वायरस
एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह वायरस बच्चों को इसलिए ज्यादा प्रभावित कर रही है, क्योंकि बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है। इम्युनिटी कमजोर होने के कारण उन्हें कोई भी बीमारी जल्दी अपना शिकार बन लेती है।
लक्षण दिखने पर करें ये काम
- अगर बच्चे को काफी दिनों से बुखार आ रहा है तो बच्चे को डॉक्टर से जरूर दिखाएं।
अगर बच्चे को हल्की बुखार है तो बच्चों की साफ-सफाई का ध्यान रखें। - बच्चों ने खाना या छींकने या खांसने के बाद हाथ साफ किया है कि नहीं इस बात का ध्यान रखें।
- बाथरूम इस्तेमाल करने के बाद हाथ जरूर साफ करवाएं।
- खांसते और छींकते वक्त मुंह पर हाथ जरूर रखें।
- बच्चों को टाइम-टाइम पर वैक्सीनेशन हुई है या नहीं इस बात का ध्यान रखें।
MMR की वैक्सीन लगवाएं
मीजल्स, मम्प्स और रूबेला के लिए एमएमआर की वैक्सीन जरूर लगवाएं। इस वैक्सीन से मम्प्स से बचा जा सकता है। बता दें कि एमएमआर (खसरा, कण्ठमाला और रूबेला) टीका नियमित रूप से बच्चों को दिया जाता है और मम्प्स से सुरक्षा प्रदान करता है। जिन वयस्कों को टीका नहीं लगाया गया है या जिन्हें मम्प्स नहीं हुई है, उन्हें टीका लगवाने पर विचार करना चाहिए।