कांग्रेस पार्टी में दुर्ग जिले का दबदबा दुर्ग जिले के तीन कांग्रेस नेताओं को मिला लोकसभा का टिकट
(यु मुरली राव) छत्तीसगढ़ की लोकसभा में कांग्रेस को केवल दुर्ग जिले से ही प्रत्याशी लेना तय कर लिया था। इसीलिए पूर्व मुख्यमंत्री और दुर्ग जिले के पाटन से विधायक भूपेश बघेल को कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश की राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को बतौर कांग्रेस प्रत्याशी महासमुंद लोकसभा से चुनाव मैदान में उतारा गया है।भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव को बिलासपुर लोकसभा के लिए कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित किया गया क्या दुर्ग जिले का कांग्रेस पार्टी पर दबदबा ऐसे बहुत से सवाल अब राजनैतिक गलियारों में उठने लगे है।
कांग्रेस की नजर में बिलासपुर हुआ नेतृत्व विहीन कोई नेता शायद जीतने लायक नहीं
पांच साल की सत्ता में रहने के बाद बिलासपुर से लोकसभा चुनाव जीतने के लिए कोई बड़ा चेहरा उम्मीदवार न मिलाना कांग्रेस पार्टी के लिए विचारणीय है। प्रदेश की सत्ता से बाहर होते ही कांग्रेस पार्टी की वास्तविकता जगजाहिर हो गयी।प्रदेश कांग्रेस पार्टी का इतना बुरा काल पहले कभी नही रहा है।लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 11 सीट में प्रत्याशी तय करने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है।राजनैतिक गलियारों में भी इस बात की काफी चर्चा थी कि कांग्रेस को लोकल नेतृत्व चुनाव के लिए नही मिल पा रहा है।पर आज की वस्तुस्थिति भी यही बयां कर रही है।कांग्रेस पार्टी दुर्ग जिले तक ही सिमट कर रह गई है कांग्रेस पार्टी का दबदबा दुर्ग जिले में है इसलिए दुर्ग जिले से तीन प्रत्याशी मैदान में है।
दुर्ग जिले से भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव को बिलासपुर लोकसभा का प्रत्याशी बनाकर उतारना पड़ा देवेंद्र यादव के नाम पर सहमति बनाकर कांग्रेस पार्टी ने यह बता दिया है कि बिलासपुर लोकसभा से उनके पास लोकल कोई भी नेतृत्व नही है जिसके नाम पर पार्टी हाईकमान को भरोसा हो देवेंद्र यादव के नाम से ईडी ने मामला पंजीबद्ध किया हुआ है। ईडी व आईटी ने भी देवेन्द्र यादव के निवास में छापेमारी की थी।ईडी ने अपनी जांच में भी देवेंद्र यादव पर आरोप लगाया है। यह अपने आप मे समझ से परे है कि बिलासपुर कांग्रेस से कोई भी नेता क्या लोकसभा चुनाव में उतरना नही चाहता था या फिर कांग्रेस पार्टी को बिलासपुर के कांग्रेस नेताओ पर भरोसा ही नही रहा।
स्वर्गीय बी आर यादव एवं स्वर्गीय अजीत जोगी जब सत्ता में रहे उस समय दमदार नेताओ के नाम से पहचाने जाने वाला बिलासपुर संभाग आज कांग्रेस पार्टी के लिये नेतृत्व विहीन हो गया यह अपने आप मे सोचनीय प्रश्न है।कांग्रेस हाईकमान के इस फैसले से पार्टी के कार्यकर्ताओं में खलबली मची हुई है। बिलासपुर संभाग शुरू से ही बड़े नेताओं से भरा पड़ा रहा।आज इस लोकसभा में कांग्रेस को बाहरी प्रत्याशी को उतारना पड़ गया।आज भी कांग्रेस के बड़े चेहरे है जिनमे अनिल टाह, राजेश पांडे, राजेंद्र शुक्ला, सियाराम कौशिक, आशीष सिंह ठाकुर, संतोष कौशिक, विजय पांडे, चिका बाजपेयी, राकेश शर्मा, राजू यादव, अशोक अग्रवाल, रामशरण यादव, अटल श्रीवास्तव, शैलेश पांडे, वाणी राव, महेश दुबे, प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय जैसे कई नाम है क्या इनके नाम लोकसभा के लिए तय नही हो सकते थे कुल मिलाकर कांग्रेस को लोकल नेताओं पर जरा भी भरोसा नही रहा कांग्रेस पार्टी के इस फैसले से पार्टी के कार्यकर्ता एवं जनता कितना स्वीकार करते हैं यह देखने वाली बात होगी।