रायपुर। देश के नामी पुरातत्ववेत्ता पद्मश्री डॉ अरुण कुमार का बुधवार की देर रात निधन हो गया। वो 90 वर्ष के थे। डॉ छत्तीसगढ़ सरकार के लंबे समय तक पुरातत्विक सलाहकार रहे हैं। डॉ शर्मा की अंतिम यात्रा गुरुवार सुबह 10 बजे चंगोराभाठा करण नगर स्थित निवास से महादेव घाट मुक्ति धाम के लिए निकलेगी। डॉ अरुण कुमार शर्मा की देखरेख में ही छत्तीसगढ़ के सिरपुर का उत्खनन हुआ था।वो रामसेतु हो या फिर अयोध्या के राममंदिर में पुरातत्व से जुड़े विषयों पर उनकी राय अहम रही है।राजनान्दगाँव के कोलियारा निवासी स्व. आनंदधर दीवान के पुत्र अरुण कुमार शर्मा का जन्म 12 नवंबर 1933 को मोहदी (चंदखुरी, जिला रायपुर) में मामा हिंछा तिवारी और लोकनाथ तिवारी के यहाँ हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा पिपरिया (सागर) , मंडला, दुर्ग और बिलासपुर में हुआ। रायपुर विज्ञान महाविद्यालय से बीएससी और सागर विश्वविद्यालय से 1958 में एमएससी किए। कुछ समय बीएसपी भिलाई में केमिस्ट के रूप में कार्य किया। 1959 में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण की सेवा में सम्मिलित हुए और विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए 1992 में अधीक्षण पुराविद के पद से सेवानिवृत्त हुए। 1993-94 में आईजीएनसीए में ओएसडी नियुक्त किए गए। 1995 में कनखल (हरिद्वार) में माँ आनंदमयी आश्रम एवं संग्रहालय की स्थापना में योगदान दिया।
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