भक्त का संग श्रेष्ठ कर्मों की ओर ले जाता है: आचार्य दिनेश जी महाराज
– सुरेश सिंह बैस
बिलासपुर। देशभर में इन दिनों धर्म की बयार बह रही है। देश भर में बड़े धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के कटघोरा, पेण्ड्रारोड में तुमान से आगे नदी किनारे छेंवधरा, बरबसपुर में 23 फरवरी से 02 मार्च 2024 तक श्री विष्णु महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ सप्ताह आयोजित किया गया है। जिसके भागवताचार्य पं. श्री मुरारी लाल त्रिपाठी जी राजपुरोहित कटघोरा वाले है।कार्यक्रम में प्रदेशभर से संत सम्मिलित हुए। इस अवसर पर धर्मावलम्बी एवं ग्रामवासी आयोजन स्थल पर जुटा जिसमें श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर के पीठाधीश्वर और अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज छत्तीसगढ़ अध्यक्ष आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज एवं अमित दुबे अशोक वाटिका सम्मिलित हुए। इस अवसर पर अध्यक्ष हरिनारायण सिंह कंबर (तुमान), उपाध्यक्ष कौशलेन्द्र प्रताप सिंह तंवर (बरबसपुर), सचिव अनिल कुमार तंवर (खोडरी), सह सचिव जिरजोधन सिंह कंबर (कुटेशर नगोई) कोषाध्यक्ष देवप्रसाद यादव (छेंवधरा), सह कोषाध्यक्ष डॉ. जानीभारती गोस्वामी (बरबसपुर) ने महाराज जी का स्वागत सम्मान किया।संत समागम के दौरन श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर के पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेशजी महाराज ने धर्म पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि भक्त का संग अवश्य करो मगर भक्त का अपमान अथवा तिरस्कार करने से सदैव बचते रहो। जिस दिन हमारे हाथों से किसी भक्त का अपमान हो जाता वास्तव में उस दिन हमारे हाथों से स्वयं भगवान का भी अपमान हो जाता है। भक्तों के संग से ही जीवन कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। भक्त का संग ही तो हमें सत्संग एवं श्रेष्ठ कर्मों तक भी ले जाता है। ऐसा दुनिया में एक भी उदाहरण नहीं जिसने किसी भक्त का संग किया हो और उसका पतन हुआ हो। अथवा जिसने भक्त का संग किया हो और उसका उत्थान ना हुआ हो। भक्त से अभिप्राय उस व्यक्ति से है जो सदैव सदाचरण में जीवन जीते हुए सतत निस्वार्थ भाव से समाज सेवा, परमार्थ, परोपकार और परहित में व लोक मंगल के कार्यों में संलग्न रहता है। जिसके लिए ना कोई अपना है और ना कोई पराया। जिसके लिए सारा जगत ही प्रभु का मंदिर और प्राणी मात्र में ही उसके प्रभु निवास करते हैं।