किरन्दुल स्थित श्री राघव मंदिर में रोपे गए बिल्व पत्र के पौधे
धीरज माकन
किरंदुल बैलाडीला देवस्थान समिति एवं गायत्री परिवार किरंदुल के संयुक्त तत्वाधान में एनएमडीसी लिमिटेड किरंदुल परियोजना के सौजन्य से मुख्य महाप्रबंधक पदमनाभ नाईक के मुख्य आतिथ्य में पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन तथा सनातन संस्कृति के अनुसार अत्यंत ही पवित्र माने जाने वाले शिवजी के प्रिय बिल्व पत्र के 23 पौधों का रोपण श्री राघव मन्दिर परिसर किरंदुल में विक्रम संवत 2080, माघ शुक्ल दशमी तिथि के पावन अवसर पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया। सर्वप्रथम भगवान शंकर एवं माता पार्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पूजन करते हुए वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पवित्र बिल्व पत्र का पूजन करने के पश्चात समस्त अतिथिगणों एवं नगरपरिवार द्वारा उन्हें विधिवत रोपित किया गया। श्री राघव मन्दिर के प्रधान पुजारी सत्येंद्र प्रसाद शुक्ल ने जानकारी दी कि सनातन धर्म में यह मान्यता है कि बेल के पेड़ में भगवान शिव का वास होता है तथा बेलपत्र का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि, जहाँ बेलपत्र का वृक्ष लगा होता है, वहां पर शिवजी की विशेष कृपा बनी रहती है, इसके साथ ही वहां पर साक्षात लक्ष्मी जी का भी वास होता है। धार्मिक मान्यताओं के साथ ही साथ औषधीय गुणों से युक्त बेलपत्र में एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं, जो हृदय को घातक बीमारियों से बचाने का काम करते हैं। इसके अतिरिक आयुर्वेद के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर के उपचार में भी बिल्व पत्र को उपयोगी माना गया है शिवपुराण के अनुसार बेल पेड़ लगाने से वंश वृद्धि होती है तथा इस वृक्ष को नुकसान पहुंचाना वर्जित है। इस पेड़ को काटने से मनुष्य समस्त दुखों और पापों से घिरने लगता है साथ ही उसके वंश का नाश होता है। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक (वर्क्स) किशन आहूजा, महाप्रबंधक (उत्पादन) आर राजकुमार, महाप्रबंधक (विद्युत सेवाएं) एन सुब्रमण्यन, महाप्रबंधक (माइनिंग) एस के कोचर, महाप्रबंधक बी एस यादव, उप महाप्रबंधक (वित्त) एस. गुहा, उप महाप्रबंधक (सिविल) टी एस. रामनाथ, एसकेएमएस के सचिव राजेश संधू, जन प्रतिनिधि गण, पत्रकार बंधुगण, गणमान्य नागरिकगण, नगर के समस्त समाजों के पदाधिकारी एवं प्रतिनिधि गणों, मातृशक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। बैलाडीला देवस्थान समिति के सचिव ए के सिंह के द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।