रायपुर। ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने कोयला और शराब घोटाला मामले में एसीबी में एफआईआर दर्ज करवाकर न सिर्फ राजनीतिक भूचाल ला दिया है, बल्कि इतिहास रच दिया है। पहली बार केन्द्र की किसी जांच एजेंसी ने राज्य की जांच एजेंसी के समक्ष कोई मामला दर्ज कराया है। वह भी एक नहीं दो-दो। ये दोनों मामले पहले राज्य में चर्चित रहे हैं। इन मामलों के कुछ आरोपियों के नाम पहले ही मीडिया के सामने आ चुके हैं, लेकिन पूरी लिस्ट पहली बार सामने आई है। आरोपियों पर भ्रष्टाचार के अलावा धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है। दिलचस्प यह है कि इन दोनो मामलों में राजनीतिज्ञों के अलावा, अफसरों, और कई अरबपति बिजनेसमैन लोगों को भी लपेटे में लिया गया है। दोनों मामलों को मिलाकर 105 आरोपी हैं। एसीबी और ब्यूरो के पास इतने बड़े मामले कभी जांच के लिए नहीं आए। न आरोपियों की संख्या के हिसाब से और न घोटाले की राशि के हिसाब से। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय ब्यूरो के समक्ष सबसे चर्चित और बड़ा मामला कोडार बांध मुआवजा घोटाले का आया था, जिसमें सबसे ज्यादा आरोपी और गवाह थे। मामले की ब्यूरो मे विवेचना और बाद में कोर्ट में सुनवाई के दौरान ही दर्जनों गवाहों और आरोपियों की मौत हो गई थी। आरोपियों की संख्या के हिसाब से ये दोनो मामले कोडार मामले की याद दिला रहे हैं। बहरहाल एक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या एसीबी के पास इतने बड़े मामले की जांच के लायक स्टाफ भी है। या बाद में इन दोनो मामलों को किसी और जांच एजेंसी के हवाले कर दिया जाएगा?
ED BREAKING : कोडार के बाद ब्यूरो के हवाले दो बड़े घोटाले
