व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु: पं.उर्वशीनंदन
जांजी में चल रहा भागवत कथा का अयोजन, पांचवे दिन हुआ श्री कृष्ण जन्म, जमकर झूमे श्रद्धालु
सीपत (सतीश यादव) :- व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए, अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है। अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। सीपत क्षेत्र के ग्राम जांजी के ठाकुरपारा में स्व. मोहित राम देवांगन एवं स्व. रत्ना देवी देवांगन की स्मृति में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा आयोजन के पंचम दिवस पर कथावाचक पंडित उर्वशीनंदन तिवारी महराज ने यह बात कही। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया। श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।
कथावाचक पंडित उर्वशीनंदन तिवारी महराज ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। उर्वशीनंदन महराज ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा। श्रीकृष्ण जन्म उत्सव पर नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की, हैप्पी बर्थडे टू यू भजन प्रस्तुत किया गया तो श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर जमकर झूम उठे। एक-दूसरे को श्रीकृष्ण जन्म की बधाईयां दी गई और मिठाईयां बाटी गई। कथा महोत्सव में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भजन प्रदुम कर भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशियां मनाई। इस दौरान आचार्य तामेश्वर तिवारी, अक्षय दुबे सहित यजमान रमेश रजनी देवांगन, राकेश चंद्रावली देवांगन, उमा देवांगन, क्रांति देवांगन सहित आशोच्यानंद राजपूत उपस्थित रहे।