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क्रिसमस की खुशियां मसीही जनों में छाई

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क्रिसमस की खुशियां मसीही जनों में छाई

– सुरेश सिंह बैस
बिलासपुर। प्रभु यीशु के जन्मोत्सव के पर्व क्रिसमस को लेकर शहर में खुशियां बॅटने लगी है। पर्व जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है ,मसीहीजनो का उत्साह बढ़ता जा रहा है। घरों से लेकर चर्च में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए प्रभु यीशु के आगमन को लेकर उत्साहित हैं। चर्च में गाने के अलावा कैरोल ग्रुप घर-घर जाकर प्रभु के आगमन का शुभ संदेश दे रहे हैं। कैरोल गीत में चलो चलो रे बैतलहर काफी पसंद किया जा रहा है।‌न्यायधानी की प्रमुख दुकानों में क्रिसमस ट्री, झालर लाइट, कैप समेत अन्य सजावटी सामानों की बिक्री चरम पर है। मसीहा जन्म लेंगे और जश्न का दौर शुरू हो जाएगा। वहीं 25 दिसंबर को क्रिसमस का पर्व चर्च व घरों में मनाया जाएगा। मसीही समुदाय के लोग अपने घरों को भी सजाने लगे हैं। प्रति रविवार अलग-अलग चर्च में आराधना, प्रभु यीशु के संदेश देने के लिए सभाएं की जा रही हैं। युवा भी एक-दूसरे से खुशियां बांटने की कोशिश में जुटे हैं।

कस्तूरबा नगर निवासी अमृत पापुला का कहना है कि वह बचपन से ही कैरोल गाते आ रहे हैं। चर्च से जुड़े दोस्तों के हर घर में कैरोल गाकर यीशु का संदेश देता हूं। कैरोल गाना काफी पसंद है। चर्च में भी जाकर गाता हूं। हिंदी और इंग्लिश दोनों ही भाषाओं में कैरोल गा सकता हूँ। कैरोल गीत कई पुराने भी हैं और कई गीत गुरुओं से सीखते भी हैं। 24 और 25 दिसंबर को कैरोल गाने की खुशियां कई गुना बढ़ जाती है। दुनियाभर में ईसाई समुदाय द्वारा मनाए जाने वाले क्रिसमस पर्व को लेकर शहर में काफी उत्साह दिखाई दे रहा है। तेलीपारा रोड स्थित वृंदावन परिसर, तारबहार चौक, जरहाभाठा के सुभाष काम्पलेक्स, मुंगेली नाका रोड, तोखा पावर हाउस के साथ ही माल में क्रिसमस के लिए बाजार सजे हुए है। विभिन्न डिजाइन के सांता क्लाज, चरनी सेट, स्टार, सांता क्लाज ड्रेस. बच्चों के ड्रेस, इलेक्ट्रिकल डेकोरेशन आइटम, क्रिसमस ट्री की बड़ी रेंज उपलब्ध है। वृदावन परिसर के थोक दुकानदारों का कहना है कि इस बार क्रिसमस बाजार में जबरदस्त रौनक है। शेष दिनों में भी अच्छी बिक्री की संभावना उन्होंने जताई है। मसीही समाज के लोग अभी से सजावटी सामान में स्टार,ट्री, रंग-बिरंगे लाइट की सांता क्लाज, क्रिसमस ट्री की जमकर खरीदारी
कर रहे है। वहीं इन सब में सबसे ज्यादा डिमांड स्टार की बनी हुई है। इस बार नए और साइज में कुछ बड़े स्टार भी बाजार में लाया गया है। इनकी कीमत सौ से पांच सौ रुपये तक रखी गई है। इसी तरह जिंगल बेल की भी काफी डिमांड है, तरह- तरह के चमकदार रंगों के साथ और लाइट लगाकर इन बेल को बनाया गया है।

बच्चों को पसंद आ रहा इलेक्ट्रानिक्स सांता क्लाज

इस बार साइज में बड़े सांता क्लाज बनाए हैं। इनमें हवा भरकर इन्हें आकार दी जाती है।
इसमें कई इलेक्ट्रानिक्स सांता क्लाज भी है, जो मूवमेंट भी करते हैं। यह बच्चों को खूब पसंद आ रहे हैं। इनकी कीमत तीन सौ से एक हजार रुपये तक निर्धारित की गई है। तेलीपारा के वृंदावन परिसर में इनकी बड़ी रेंज रखी गई है।

कई प्रकार की क्रिसमस ट्री

क्रिसमस ट्री हर साइज का मिल रहे है। छोटे से लेकर आठ फीट लंबे क्रिसमस ट्री भी बाजार मै उपलब्ध है। बाजार में आर्टिफिशियल पौधे बीस से लेकर पांच सौ रुपए तक बेचे जा रहे है। क्रिसमस टी पर सजाने के लिए स्टार, चाकलेट, बल्ब और अन्य कई छोटे-छोटे खिलौनों की खरीदारी भी खूब हो रही है। इसके अलावा पेड़ों पर लटकाने वाले बल्ब स्टार घरों में टागने के लिए झूमर आदि भी मार्केट में मौजूद है।

कैरोल गाकर पहुंचाते हैं प्रेम का संदेश

अमृत पापुला ने यह भी बताया कि क्रिसमस कैरोल से यीशु मसीह के जन्म की खुशी और प्रेम संदेश की लोगों तक आनंददायक भजन और गीतों से पहुंचाया जाता है। यह दिसंबर महीने के पहले सप्ताह से शुरू हो जाता है। प्रदेशभर में क्रिसमस की तैयारिया शुरू हो गई है। इस क्रिसमस पर भी हम चर्च के लोगों के साथ कैरोल गीतो आया मसीह दुनिया में तू… ज्वाय टू द वर्ल्ड… के माध्यम से प्रेम का संदेश पहुंचा रहे है। लोगों की कुशलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। चर्च के अलावा चर्च से जुड़े लोगों के घर जाकर कैरोल के माध्यम से प्रभु के संदेश को पहुंचाते हैं। इस अवसर पर समाजसेवी डॉ हमीद उल्ला खान ने सभी मसीही जनों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा की प्रभु यीशु का जन्म ही मानव कल्याण के लिए हुआ था। मेरे देश प्रदेश और दुनिया के सभी लोगों को खुशियां मिले व देश में अमनो चैन‌ कायम रहे।

क्रिसमस बाजार में कुछ इस तरह से हैं सामान के दाम

*चरनी सेट एक हजार से सात
हजार रुपये तक*सांता क्लाज ड्रेस सौ से लेकर दो हजार रुपये तक *सांजा क्लाज सौ से
लेकर दो हजार रुपये तक**
क्रिसमस ट्री दो सौ से लेकर छह हजार रुपये तक *इलेक्ट्रानिक डेकोरेशन आइटम दो सौ से
ढाई हजार रुपये तक** बच्चों का ड्रेस दो सौ से दो हजार रुपये तक मिल जा रहे हैं।

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