परिवार की नृशंस हत्या में पांच साल बाद आया फैसला आरोपियों को आजीवन कारावास
– सुरेश सिंह बैस
बिलासपुर। महासमुंद जिले के पिथोरा के किशनपुर के एएनएम योगमाया साहू व परिवार के मर्डर केस में नार्को टेस्ट जांच में काफी मदद मिली।. तत्कालीन एसपी व वर्तमान में जिले में पदस्थ एसपी संतोष सिंह जिन्होंने पूरे मामले का स्वयं सुपरविजन किया था। उन्होंने बताया कि गत 31 मई 2018 की इस घटना में चार लोगों के परिवार की निर्मम हत्या के बाद कुछ ही दिनों में एक आरोपी धर्मेंद्र बरीहा तीसरे दिन शक के आधार पर 3 जून 2018 को पकड़ा गया था। उसके पास से घटनास्थल के पीड़ित का कुछ गायब सामान धर्मेंद्र के घर से बरामद हुआ। लेकिन, उसने सिर्फ अपनी संलिप्तता स्वीकार की, और किसी के बारे में कुछ भी खुलासा नहीं किया।. अभियुक्त और न्यायालय की अनुमति के बाद कुछ महीनों बाद उसके नार्को टेस्ट से चार और लोगों के नाम सामने आए। फिर पुलिस ने साक्ष्य एकत्र किए जो नार्को निष्कर्षों की पुष्टि कर सकते थे। कई आरोप लगाए गए और पुलिस पर कुछ अन्य संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज करने का दबाव बनाया गया था। जांचोपरांत कुल पांच आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया गया। बाद में पुलिस की जांच व चालान के खिलाफ परिजनों के आवेदन पर माननीय हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश दिए गए। सीबीआई ने अपना प्रतिवेदन कोर्ट में प्रस्तुत किया जिसमे उन्होंने पुलिस जांच को सही ठहराया है। और इन पांच के अलावा किसी अन्य की संलिप्तता नही पाया। आख़िरकार कल बड़ा फैसला आ गया और पांचों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई ।घटना जांच में लंबे समय तक लगी पूरी टीम ने पीड़ित को न्याय मिलने के फैसले पर खुशी जाहिर किया है।