रायपुर। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रुप में प्रदेश के आदिवासी नेता विष्णुदेव साय पर दांव लगाया है। भाजपा ने यहां चुनाव से पहले किसी को सीएम के चेहरे को पेश नहीं किया था। पूरा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर लड़ा गया। लेकिन जीत के बाद एक हफ्ते तक रायपुर से दिल्ली तक सीएम के चेहरे को लेकर मंथन का दौर चला। अब पार्टी ने इस रेस में आदिवासी समाज से आने वाले विष्णुदेव साय के नाम पर मुहर लगा दी है।
कौन हैं विष्णुदेव साय?
विष्णुदेव राय छत्तीसगढ़ की कुनकुरी इलाके के कांसाबेल से लगे बगिया गांव के रहने वाले मूलत: किसान हैं। राज्य में आदिवासी समुराय की आबादी सबसे अधिक है और वे इसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी गिनती रमन सिंह के करीबी लोगों में होती है। 1989 में अपने गांव बगिया से पंच पद से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले विष्णुदेव साय 1990 में निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुए थे। इसके बाद तपकरा से विधायक चुनकर 1990 से 1998 तक वे मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। इसके बाद 1999 में वे 13 वीं लोकसभा के लिए रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। इसके बाद भाजपा ने उन्हें 2006 में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद 2009 में 15 वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में वे रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से फिर से सांसद बने। इसके बाद 2014 में 16 वीं लोकसभा के लिए वे फिर से रायगढ़ से सांसद बने। इस बार केंद्र में मोदी की सरकार ने उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री, इस्पात खान, श्रम, रोजगार मंत्रालय बनाया। वे 27 मई 2014 से 2019 तक इस पद पर रहे। पार्टी ने 2 दिसंबर 2022 को उन्हें राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया। इसके बाद विष्णुदेव साय 8 जुलाई 2023 को भाजपा ने राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य बनाया। विष्णुदेव साय 2020 में भी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। संघ के करीबी नेताओं में उनकी गिनती होती है। विष्णुदेव साय की इसी मजबूत प्रोफाइल की वजह से उन्हें पार्टी ने सबसे बड़ा पद दिया है।
निजी जीवन
पूरा नाम: विष्णुदेव साय
जन्म तिथि: 21 फरवरी 1964
उम्र: 59
जन्म स्थान: बगिया, जिला: जशपुर (छत्तीसगढ़)
शिक्षा: 10 वीं पास
(लोयोला उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कुनकुरी, जिला: जशपुर)
व्यवसाय: कृषि
रुचि: बैडमिंटन, फुटबॉल, किताबें पढ़ना, आदिवासियों का उत्थान और उनके विकास के लिए काम करना, गरीबों की सेवा करना।