प्रांतीय वॉच

कौन होगा छत्‍तीसगढ़ का अगला मुख्यमंत्री ! पद को लेकर हलचल तेज, लिया जा रहा फीडबैक

Share this

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा ने अपनी वापसी कर ली है। 3 दिसंबर को कांग्रेस की सत्ता छीनकर भाजपा ने राज्य विधानसभा की 90 सीटों में से 54 सीटें जीती। भाजपा की ‘मोदी की गारंटी 2023’ घोषणापत्र ने इस चुनाव में सकारात्मक परिणाम दिया। अब सवाल है कि राज्य में बीजेपी की नई सरकार का मुखिया कौन बनेगा? सीएम का पद कौन संभालेगा, इसके लिए जनता के बीच भी काफी उत्सुकता बढ़ गई है।

विधानसभा चुनाव के नतीजे आने और तीन राज्यों में जीत हासिल करने के बाद भाजपा नेतृत्व मुख्यमंत्री पद का चेहरा तय करने के मामले में जल्दबाजी में नहीं है। चूंकि चंद महीने बाद देश में लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में अंतिम फैसला करने से पहले पार्टी नेतृत्व ऐसे चेहरे की तलाश में है जिस पर सर्वसम्मति बनने के साथ उसे लोकसभा चुनाव में सामाजिक समीकरण की दृष्टि से लाभ मिले। हालांकि शीर्ष नेतृत्व चाहता है कि पार्टी के भविष्य के लिए इन राज्यों में नए चेहरे को पुराने चेहरे पर तरजीह दी जाए।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सरकारी आवास पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के साथ मंगलवार को लंबी चर्चा की। इस दौरान तीनों राज्यों से मिले फीडबैक पर चर्चा हुई। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बैठक में विधायक दल की बैठक की तारीख और पर्यवेक्षक के नामों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इन राज्यों में कौन मुख्यमंत्री बनेगा, इसके लिए पार्टी नेतृत्व नतीजे आने के बाद से ही मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ से फीडबैक ले रहा है। अंतिम फैसला लेते समय इन राज्यों में राजनीतिक और सामाजिक संतुलन का भी ध्यान रखा जाएगा।

रेणुका सिंह के समर्थकों ने किया हवन-पूजन 

छत्तीसगढ़ में अब मुख्यमंत्री पद के लिए हवन-पूजन का दौर भी शुरू हो गया है। भरतपुर-सोनहत विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं रेणुका सिंह को मुख्यमंत्री बनाने के लिए समर्थकों ने हवन-पूजन किया। जिला मुख्यालय सूरजपुर स्थित उनके आवास के पास स्थित मंदिर में समर्थकों ने पूजा-पाठ किया।

छत्‍तीसगढ़ में मुख्‍यमंत्री के चयन को लेकर पर्यवेक्षक नियुक्‍त किए जाने के बाद वे छत्‍तीसगढ़ के विधायकों से चर्चा करेंगे। सीएम के चेहरे पर आश्‍वस्‍त होने के बाद ही मुख्‍यमंत्री का नाम विधायक दल की बैठक में तय होगा। अभी इसमें एक या दो दिन लग सकता है।

 छत्‍तीसगढ़ में आदिवासी सीएम की मांग

छत्‍तीसगढ़ में आदिवासी चेहरे की भी मांग उठती रही है, ऐसे में सरगुजा संभाग से पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और महिला मुख्यमंत्री के रूप में बस्तर से भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लता उसेंडी भी मुख्यमंत्री पद की प्रबल दावेदार हैं।

केंद्रीय नेताओं के बयानों से कई मायने

छत्‍तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर केंद्रीय नेताओं द्वारा दिए गए बयानों पर गौर करें तो ओपी चौधरी को लेकर चर्चा तेज है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बिलासपुर में कहा था कि इस बार गरीब मां का लाल मुख्यमंत्री बनेगा। भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने मीडिया से चर्चा में कल्पनाओं से विपरीत एक नया चेहरा आने की बात कही थी। गृह मंत्री अमित शाह ने भी रायगढ़ की सभा में पूर्व आइएएस ओपी चौधरी को बड़ा आदमी बनाने की बात कही थी।

दिल्‍ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं की बैठक आज

छत्‍तीसगढ़ में सरकार के गठन के लिए रायपुर से लेकर दिल्‍ली तक बैठकों का दौर जारी है। दिल्‍ली में आज भाजपा के शीर्ष नेताओं की बैठक होगी। बैठक में छत्‍तीसगढ़ के प्रभारी नेताओं से चर्चा के बाद मुख्‍यमंत्री के चेहरे के चयन को लेकर पर्यवेक्षक नियुक्‍त किए जाएंगे।

रमन सिंह को नजरअंदाज करना मुश्किल

अरुण साव के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को भी भाजपा को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा, क्योंकि भाजपा ने रमन सरकार के 15 वर्ष के कार्यकाल के विकास कार्यों को ही इस चुनाव में भी अपना विकास रूपी मुद्दा बनाया था।

भाजपा के प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में जीते हुए सभी भाजपा विधायक एकजुट हुए। यहां भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, चुनाव सह प्रभारी डा. मनसुख मांडविया, संगठन सह प्रभारी नितिन नबीन, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सांसद अरुण साव और पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने एक-एक विधायकों से चर्चा की। उन्हें अपने क्षेत्र की जनता के प्रति आभार प्रकट करने को कहा। इसके बाद माथुर, मांडविया और नितिन नबीन दिल्ली रवाना हो गए।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *