मतदाताओं को सामाजिक कार्यकर्ता जयप्रकाश डनसेना ने दिया मतदाता जागरूकता का संदेश
खरसिया |17 को लोकतंत्र के महापर्व में भागीदारी,हम सब की जिम्मेदारी के साथ सामाजिक कार्यकर्ता जयप्रकाश डनसेना का संदेश हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है। जहां सरकार का चुनाव लोकतंत्र के नियमों के आधार पर किया जाता है। लोकतंत्र के नियमों में हर 5 वर्षों में एक बार चुनाव किया जाता है। 5 वर्षों में एक बार होने वाले इस चुनाव में विशेष भूमिका हम जनता की रहती है। जनता के मतों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि ही राष्ट्र का संचालन करते हैं। 5 वर्षों में सरकार चुनने की यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। अपना प्रतिनिधि चुनने में जनता स्वयं जिम्मेदार होती है। इसलिए लोकतांत्रिक प्रणाली में मतदान का विशेष महत्व है। मतदान की शक्ति को समझना प्रत्येक नागरिक के लिए अतिआवश्यक है।
प्रत्येक वह नागरिक जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है या उससे अधिक की आयु रखता है, उसे मतदान करने का पूरा अधिकार है। लोकतांत्रिक प्रणाली में एक मतदाता की भूमिका बेहद विशेष है। 5 वर्षों में होने वाली चुनावी प्रक्रिया में मतदाता के बिना प्रतिनिधि चुनना नामुमकिन है।प्रत्येक मतदाता सत्ता और शासन के संचालन में भागीदारी करता है।
“एक नागरिक, एक वोट” इस कथन का विशेष महत्व है। लोकतंत्र की प्रणाली में मतदाता को वोट देने का एक विशेष अधिकार प्राप्त है। चूंकि वोटों के आधार पर ही सरकार को 5 वर्षों के लिए चुना जाता है, इसीलिए हर एक वोट का विशेष महत्व और हर एक वोट देश के लिए आवश्यक है। चुनाव के अवसर पर सही मतदान करके नागरिकों द्वारा लोकतंत्र की रक्षा की जा सकती है।
लोकतंत्र की रक्षा के लिए ही प्रत्येक मतदाता का मतदान देश के लिए आवश्यक है। अक्सर लोगों यह सोचकर वोट नहीं डालते हैं कि हमारा एक वोट डालने या ना डालने से किसी का क्या बिगड़ जाएगा? लेकिन कई बार किसी राजनीतिक सत्ता की हार जीत एक वोट पर निर्धारित होती है। ऐसी परिस्थिति में मतदाता की आवश्यकता का ज्ञान महसूस होता है।
मतदाता देश के विकास की एक अहम कड़ी होता है। जो पांच वर्षों के लिए देश की कमान अपने द्वारा चुने गए प्रतिनिधि के हाथों में सौंपता है। इस प्रकार अपने देश में एक सही प्रतिनिधि का चयन करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति में मतदान को लेकर जागरूक होना अनिवार्य है।
अतः अपने मतदान का महत्व का समझकर अवश्य मतदान करें।