घोड़े में सवार होकर नामांकन जमा करने पहुंचे घोड़ा वाले सरपंच निर्मल दिवाकर |
बिलासपुर| सोमवार को नामांकन पत्र जमा करने का आखिरी दिन था, भारी संख्या में नेता समर्थक और मीडियाकर्मी मौजूद रहे सभी को दिलचस्प नजारा देखने को मिला दरअसल सुबह 11 बजे से ही कलेक्ट्रेट में कड़ी सुरक्षा के बीच दावेदार नामांकन पत्र जमा करने पहुंच रहे थे। इसके चलते यहां दोपहर से लेकर शाम तक लोगों की भीड़ लगी रही। सत्ताधारी दल कांग्रेस के दावेदारों ने अलग-अलग जगहों से रैली निकालकर नामांकन पत्र जमा किया, जिसके चलते पूरे दिन गहमागहमी का माहौल रहा।
बिल्हा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत नगपुरा निवासी निर्मल दिवाकर पिछले 10 साल से सरपंच हैं। उन्होंने बताया कि बचपन से ही उन्हें घुड़सवारी करने का शौक रहा है। जिस कारण वे घोड़े की सवारी करते हैं। सरपंच निर्मल का दावा है कि वो सात घोड़ा बदल चुके हैं।कोई भी सामाजिक कार्यक्रम हो या फिर राजनीतिक कार्यक्रम जैसे बड़े आयोजन में वह राजसी ठाठ-बाठ के साथ घोड़े पर सवार होकर जाते हैं। यही वजह है कि लोग उन्हें घोड़ा वाला सरपंच के नाम से जानते हैं।
सरपंच निर्मल दिवाकर ने कहा कि वो कांग्रेस के कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे हैं। वे सतनामी समाज के पदाधिकारी भी रहे हैं। कांग्रेस में शीर्ष नेताओं की पूछपरख नहीं है, तो छोटे कार्यकर्ताओं की क्या होगा। यहां बड़े-बड़े नेताओं को टिकट न देकर दलबदल कर आए सियाराम कौशिक को प्रत्याशी बना दिया गया है।
जिससे नाराज होकर निर्मल दिवाकर, अमित जोगी की मौजूदगी में जेसीसी-जे में शामिल हो गए थे। तब अमित जोगी ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि उन्हें बिल्हा सीट से टिकट दिया जाएगा। लेकिन, अंतिम दौर में पार्टी ने नेहा भारती को प्रत्याशी बना दिया।निर्मल ने आरोप लगाते हुए कहा कि अमित जोगी ने छल कर उन्हें पार्टी ज्वाइन करा लिया और उन्हें टिकट न देकर दूसरे को प्रत्याशी घोषित कर दिया। जिसके बाद उन्होंने प्रबुद्ध रिपब्लिकन पार्टी से सोमवार को नामांकन पत्र जमा किया है