पॉलिटिकल वॉच बिलासपुर

भाजपा द्वारा बिलासपुर में पुराने चेहरों की पुनरावृत्ति करके आगामी विधानसभा चुनाव में सफल होने को हो रही है अग्रसर….

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भाजपा द्वारा बिलासपुर में पुराने चेहरों की पुनरावृत्ति करके आगामी विधानसभा चुनाव में सफल होने को हो रही है अग्रसर….

बिलासपुर। आगामी विधानसभा के चुनाव में जिस तरह के राजनीतिक सक्रियता और सरगर्मी दिख रही है उसको देखते हुए यह लग रहा है कि आने वाले चुनाव में बहुत कुछ देखने को मिलेगा जिस तरह से बिलासपुर से भाजपा के प्रत्याशी अमर अग्रवाल को बनाया गया है जबकि भाजपा के द्वारा नए चेहरों की और युवा वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की बात कही गई थी वह बात पूर्ण रूप से गलत साबित हो चुकी है। अमर अग्रवाल पूर्व में चुनाव शैलेश पांडे से हार चुके हैं इसके बावजूद भी उनको प्रत्याशी के रूप में चयन किया जाना सक्रिय कार्यकर्ताओं को स्वीकार नहीं होने के बावजूद भी वह पार्टी संगठन के लिए कार्य करने के लिए मजबूर दिख रहे हैं।छत्तीसगढ़ में होने जा रहे हैं विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने 90 सीटों पर उम्मीदवारों की सूची अभी तक जारी नहीं की है। वहीं भाजपा ने अब तक कुल 85 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी हैं। बिलासपुर से अमर अग्रवाल को भाजपा ने टिकट दिया है। हारे हुए प्रत्याशी को फिर से टिकट दिया गया है, पिछले विधानसभा चुनाव में अमर अग्रवाल को शैलेष पांडे ने 11000 से अधिक वोटो से मात दी थी। हारे हुए प्रत्याशी को फिर से टिकट देने के पीछे भाजपा की क्या मंशा है? या यह कहे की प्रदेश में अमर अग्रवाल के आगे भाजपा में किसी भी नहीं चलती। आम जनता की इस विषय पर अलग-अलग राय है कुछ की माने तो अमर अग्रवाल भाजपा के जिताऊ प्रत्याशी अब नहीं रहे हैं। पार्टी में सक्रिय कार्यकर्ता और युवा चेहरे की लंबी सूची होने के बावजूद भी पार्टी पुराने चेहरों की पुनरावृत्ति करते हुए अमर अग्रवाल को प्रत्याशी का चयन क्यों किया गया है यह पार्टी संगठन के ऊपर निर्भर करता है। फिलहाल कुछ लोग इसे …… वाले की अंतिम इच्छा के रूप में देख रहे हैं! हालांकि बिलासपुर से अमर अग्रवाल इस बार भी चुनाव हारते हैं तो आजीवन वह पूर्व मंत्री तो कहलाए जाएंगे ही..
दूसरी और कांग्रेस द्वारा अपने प्रत्याशियों की पूर्ण लिस्ट जारी नहीं करने की वजह को लेकर कई चर्चाएं जिनमे मुख्य है प्रत्याशी घोषित करने के बाद होने वाले अंतर कलह को माना जा रहा है। कांग्रेस के द्वारा जिस तरह से विलंब से सूची जारी करने की मंशा आगामी दिनों में क्या रंग लाती है यह जनता को देखने को मिलेगा। कांग्रेस में प्रत्याशी को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में विरोधाभास की स्थिति सदैव बनी रहती है।

आगामी चुनाव को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों को जनता तुलना करते हुए उनके विकास की दृष्टि में योग्य और कुशल दिखेगा जनता उसी का चयन करके मतदान करेगी।

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